मोदी का कोई तोड़ नहीं: बिहार जीत मायने अनेक
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वो पल कुछ अलग था — हवा में उम्मीद थी और आसमान किसी नए इतिहास का साक्षी बन रहा था। हर चौके पर गूंजता उल्लास, हर विकेट पर उभरता गर्व — यह सिर्फ खेल नहीं, बदलाव की आहट थी। भारत की बेटियाँ मैदान पर थीं और देश की आँखों में एक नया आत्मविश्वास चमक रहा था। मुंबई के DY Patil स्टेडियम में जब भारतीय महिला टीम ने विश्वकप ट्रॉफी उठाई, तो लगा — यह जीत सिर्फ मैदान की नहीं, उस सोच की थी जिसने बेटियों को सीमा.....
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भारत की रेल पटरियां देश की धमनियां कही जाती हैं, जो प्रतिदिन करोड़ों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती हैं, जो अर्थव्यवस्था का इंजन चलाती हैं, जो इस विशाल देश की सामाजिक-सांस्कृतिक एकता का प्रतीक हैं लेकिन जब इन्हीं पटरियों पर बार-बार मौत की चीखें गूंजती हैं तो सवाल केवल हादसों का नहीं रहता बल्कि उस पूरे तंत्र की आत्मा पर उठता है, जिसने सुरक्षा को केवल एक चुनावी घोषणापत्र सरीखा बनाकर रख दिया है.....
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दो नवंबर 2025 का दिन भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। इस दिन भारत की महिला क्रिकेट टीम ने कप्तान हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में विश्व विजेता बनने का गौरव प्राप्त किया।कप्तान हरमनप्रीत का नाम भी अब उसी प्रकार स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा जिस प्रकार से पुरुष क्रिकेट में कपिल देव का लिखा जाता है। एक समय यह दिवास्वप्न लग रहा था क्योंकि लगातार तीन लीग मैच हारने .....
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किसी भी देश की राजधानी देश के आतंरिक हालात का मापदंड हो सकती है। राजधानी की हालत देख कर बाकी देश के विकास की तस्वीर का अंदाजा लगाया जा सकता है।राजधानी दिल्ली की सूरत—सीरत से पता लगाया जा सकता है शेष भारत के क्या हालात हैं। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि हर तरह के प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली नरक बन चुकी है। दिल्ली की हवा, पानी—मिट्टी सब प्रदूषित हो चुकी है। प्रदूषण का स्तर भी भयावह हो च.....
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मुंबई की हल्की सर्द रात में, जब डी. वाई पाटिल स्टेडियम की रोशनी आसमान से बातें कर रही थी, तभी मैदान पर इतिहास अपनी नई पारी लिख रहा था। शोर सिर्फ़ क्रिकेट का नहीं था — वह एक पीढ़ी की धड़कनों का संगम था। हर चौका, हर विकेट, हर बजती तालियाँ, यह कह रही थीं कि अब क्रिकेट सिर्फ़ एक खेल नहीं, बल्कि एक घोषणा है — कि बेटियाँ अब दर्शक नहीं, दिशा हैं। 2 नवंबर 2025 का दिन — खेल उपलब्धि से आगे बढ़कर ए.....
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भारत की वायु में जहर घुल चुका है। हाल ही में चिकित्सा जनरल में प्रकाशित एक अध्ययन ने यह निष्कर्ष दिया है कि 2010 की तुलना में 2022 में हवा में जानलेवा साबित होने वाले पीएम 2.5 कणों की मात्रा 38 प्रतिशत बढ़ चुकी है। इस वृद्धि का परिणाम यह हुआ कि भारत में सत्रह लाख से अधिक लोगों की अकाल मृत्यु वायु प्रदूषण के कारण हुई। यह आंकड़ा केवल एक संख्या नहीं, बल्कि मानवता की उस सांस का हिसाब है जो हमारे शह.....
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भारत की वायु में जहर घुल चुका है। हाल ही में चिकित्सा जनरल में प्रकाशित एक अध्ययन ने यह निष्कर्ष दिया है कि 2010 की तुलना में 2022 में हवा में जानलेवा साबित होने वाले पीएम 2.5 कणों की मात्रा 38 प्रतिशत बढ़ चुकी है। इस वृद्धि का परिणाम यह हुआ कि भारत में सत्रह लाख से अधिक लोगों की अकाल मृत्यु वायु प्रदूषण के कारण हुई। यह आंकड़ा केवल एक संख्या नहीं, बल्कि मानवता की उस सांस का हिसाब है जो हमारे शह.....
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भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त और स्वतंत्र संस्था के रूप में लोकपाल का गठन किया गया था। उद्देश्य स्पष्ट था— सत्ता के गलियारों में फैले भ्रष्टाचार पर नकेल कसना और सार्वजनिक जीवन में शुचिता को संस्थागत रूप देना। परंतु विडंबना देखिए कि आज वही संस्था, जिसके गठन से आम जनता ने पारदर्शिता और सादगी की उम्मीद की थी, अब अपनी छवि पर सवालों के घेरे में है। वजह है लोकपाल कार्यालय की ओर से सात बीएमड.....
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दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक बार फिर दुनिया की नजरों में भारत की राजधानी को शर्मसार कर रहा है। कभी संस्कृति, ऊर्जा और प्रगति की पहचान रही दिल्ली आज धुएं और धूल की चादर में लिपटी दिखाई देती है। हवा में घुला ज़हर इस हद तक बढ़ चुका है कि सांस लेना भी एक जोखिम बन गया है। हाल ही में दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 345 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया जो “बहुत खराब” से “गंभीर” श्रेणी में आता है। यह.....
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