
खेलों का नया अध्याय: पदकों से आगे अधिकार, न्याय और विकास
साल 2025 के ग्रीष्मकाल में भारत के खेल परिदृश्य में एक नया अध्याय शुरू हुआ—जहाँ सिर्फ मैदानों में नहीं, बल्कि कानूनी-शासनिक संरचना में भी बदलाव की बयार चली। यह कहानी है उन पहलुओं की, जो पारदर्शिता, सहभागिता और खिलाड़ी कल्याण को केंद्र में लाती हैं।
23 जुलाई 2025 को संसद में National Sports Governance Bill पेश किया गया, जिसे 11 अगस्त को लोकसभा और 12 अगस्त को राज्यसभा ने पारित कर दिया। इस.....
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