
लखीमपुर हिंसा: मां का दर्द- बेटे की मौत के 45 लाख बहू ले गई दो बेटियां शादी को बैठी
जऊन पईसा मिला रहा ऊ बहू लिए चली गई। कौऊनो सहारा नाहीं देत है मांगत हैं तौ पईसा नाई देत है। कईसे हमार परिवार चलै सामने दू दू सयानी लड़की बईठी हैं। भगवान कईसे इनकर शादी करी कईसे कर्जा देई कईसे अपन घर चलाई कमवइया नाई रह गवा दू सौ रुपिया मजूरी मा का करी।ये शब्द हैं उस मां के जिसने आज से ठीक 1 साल पहले अपने बेटे और घर के इकलौते कमाने वाले को खो दिया था। लखीमपुर हिंसा भले ही लोगों के दिल और दिमाग से.....
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