आदतन तुमने किए वादे, आदतन हमने ऐतबार किया...नवाज ने की गलती कबूल, शहबाज सुधारेंगे भूल
जो आये अब के तो लौटकर फिर ना जाये कोई
वैसे तो भारत-पाकिस्तान की सरहद पर जंग होती है कोई खेल नहीं, लेकिन कहा जाता है कि शायरों की रूह रूहानी होती है और गुलजार ने ये लाइनें लिखी है।
साल 1999 में फरवरी का महीना था। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सदा-ए-सरहद की शुरुआत करने लाहौर पहुंचते हैं। सदा-ए-शरहत बस सेवा को नाम दिया गया था जो दिल्ली और लाहौर के बीच श.....
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