नीतिश कुमार के लिए जो कल तक भ्रष्ट थे सत्ता के लिए दूध के धुले हो गए
भारतीय राजनीति ने देश का बंटाधार कर रखा है। राजनीति में नैतिकता शुचिता ईमानदारी और पारदर्शिता जैसे गुण अब दूर-दूर तक दिखाई नहीं देते हैं। मतदाता राजनेताओं पर भरोसा करके हर बार ठगे जाते हैं। राजनीति के इस दलदल में एक बार फिर मतदाता ठगे गए हैं। हालांकि यह ठगविद्या सीधी नहीं है किन्तु यह ठगी भावनाओं से खिलवाड़ की है जिसमें सत्ता बचाने के लिए सारे लोकतांत्रिक मूल्यों को बिसरा दिया गया है। शतरंज क.....
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