खोखले भाषणों से कुछ नहीं होगा न्याय व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव करके दिखाएं
यह शुभ-संकेत है कि भारत की न्याय-व्यवस्था की दुर्दशा पर हमारे प्रधानमंत्री और प्रमुख न्यायाधीशों ने आजकल खुलकर बोलना शुरू किया है। हम आजादी का 75वाँ साल मना रहे हैं लेकिन कौन-सी आजादी है यह यह तो सिर्फ राजनीतिक आजादी है याने अब भारत में ब्रिटिश महारानी की जगह राष्ट्रपति और ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर की जगह प्रधानमंत्री को दे दी गई है। हमारे चुने हुए सांसद और विधायक कानून भी बनाते हैं। लेकिन यह त.....
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