
UP Nikay Chunav 2023: मेयर, चेयरमैन, सांसद और विधायक, किसके पास कितनी पावर?
नगर निकाय की व्यवस्था आपसी सामंजस्य से चलती है. मेयर, चेयरमैन भी पूरा प्रयास करते हैं कि नगर आयुक्त या अधिशाषी अधिकारी से उनके रिश्ते मधुर रहें, जिससे कोई जरूरी काम रुकने न पाए. उनके दिमाग में कहीं न कहीं यह बात रहती है कि जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है तो जवाबदेही भी बनती है. अगर झूठे अहम के चक्कर में काम रुकेगा तो शहर के लोग अफसर को नहीं, बल्कि अपने चुने हुए प्रतिनिधि को ही कोसेंगे, चाहे उसके.....
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