सनातन का संदेश देता है भारतीय नववर्ष
अंग्रेजी नव वर्ष के बढ़ते प्रभाव के बीच राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर भारतीय नागरिकों को सचेत करते हुए लिखते हैं कि ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं, है अपना ये त्यौहार नहीं, है अपनी ये तो रीत नहीं, है अपना ये त्यौहार नहीं। इन पंक्तियों का आशय पूरी तरह से स्पष्ट था कि अंगे्रजी नव वर्ष हमारा अपना नहीं, बल्कि अंग्रेजों द्वारा भारतीयता को मिटाने के लिए भारत पर थोपा गया था। विसंगति यह है कि अंग्रेज ज.....
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