
क्या बिहारी प्रधानमंत्री बनेगा? नीतीश के जवाब ने हर किसी को चौंका दिया दिल्ली कितनी दूर है?
एक ही तीर पर कैसे रुकूं मैं आज लहरों में निमंत्रण है। हरिवंश राय बच्चन की इस काव्य रचना को 1974 में जब जेपी ने पटना के गांधी मैदान से दोहराया था तो इसके अक्षरों ने दिल्ली के तख्त पर बैठे हुक्मरानों को भी सिंहासन खाली करने पर मजबूर कर दिया था। एक नाम किसी किरदार में तब्दील हो जाता है तो फिर कहानी बन जाती है। कुछ कहानी कुछ सेकेंड जीती है तो कुछ मिनट कुछ कहानी कुछ दिन याद रहती है तो कुछ वर्षों। .....
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