जब हम गुलाम थे तब एक थे लेकिन आजाद होते ही हम बंट क्यों गये हैं?
एकता वह शक्ति है जिसके आगे सारी शक्तियां फीकी हैं। कोई भी देश अपने लोगों की एकता और एकजुटता से ही बड़ा बनता है। देश की इसी शक्ति को हमारे प्रधानमंत्री जगाना चाहते हैं। अपने हर संबोधन में वे देश के 130 करोड़ भारतवासियों का ही संबोधन देते हैं। वे देश और उसके नागरिकों को समग्रता में देखते हैं। उनके लिए अल्पसंख्यक बहुसंख्यक या विभिन्न अन्य जातीय भाषाई पहचानें मायने नहीं रखतीं। वे मानते हैं कि हमा.....
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