
गांवों में रुपये पैसे की जरुरत पूरी करने में आज भी रिश्तों की डोर अधिक मजबूत
नाबार्ड की हाल ही मार्च, 25 में जारी रिपोर्ट से जहां इस बात का संतोष होता है कि ग्रामीण क्षेत्र में संस्थागत ऋण प्रवाह का दायरा बढ़ा हैं वहीं यह भी चिंता चिंताजनक हालात सामने आये हैं कि गैरसंस्थागत स्रोतों से जरुरत के समय कर्ज प्राप्त करने वाले ग्रामीणों में से करीब साढ़े सात फीसदी लोगों को 50 फीसदी से भी अधिक ब्याजदर से कर्ज चुकाना पड़ रहा है। इससे यह साफ हो जाता है कि एक बार गैर संस्थागत स्रोत.....
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