नुसा दुआ (इंडोनेशिया)। पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर चर्चा के लिए इंडोनेशिया के बाली में जी20 मंत्रिस्तरीय बैठक हो रही है जिसमें दुनिया के अग्रणी अमीर और विकासशील देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इस बैठक से पहले इंडोनेशिया की पर्यावरण मंत्री सीति नूरबाया ने कहा कि बैठकों के दौरान जी-20 समूह के हर सदस्य देश के योगदान और विकसित तथा विकासशील देशों के लक्ष्यों में तालमेल बिठाने पर चर्चा की जाएगी।
नूरबाया ने उम्मीद जताई कि पेरिस में हुए जलवायु समझौते को साकार करने के लिए बैठक में प्राथमिकता वाले तीन बिंदुओं- पर्यावरण को हुए नुकसान से उबरने की सतत प्रक्रिया जलवायु पर भूमि आधारित और समुद्र आधारित कार्रवाई तथा संसाधनों के समुचित उपयोग पर संयुक्त समझौता हो सकता है। मंत्री ने बैठक का उद्घाटन करते हुए अन्य देशों के पर्यावरण मंत्रियों से आग्रह किया कि पर्यावरणीय बहुपक्षवाद की रक्षा की जाए और उसे अमल में लाया जाए क्योंकि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी ढंग से समन्वित प्रयास करने का यही एकमात्र तरीका है।
नूरबाया ने कहा पर्यावरणीय बहुपक्षवाद एकमात्र ऐसी व्यवस्था है जहां छोटे बड़े अमीर या गरीब देश सभी समान ऊंचाई वाले मंच पर खड़े हो सकते हैं। चाहे उत्तर में हों या दक्षिण विकसित या विकासशील सभी देशों की आवाज सुनी जानी चाहिए। इस साल जी-20 समूह की अध्यक्षता इंडोनेशिया कर रहा है जिसने पेरिस समझौते 2016 का समर्थन किया है। इंडोनेशिया ने 2030 तक अंतरराष्ट्रीय सहायता से 41 प्रतिशत और स्वतंत्र रूप से 29 प्रतिशत तक कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। अमेरिका के जलवायु प्रतिनिधि जॉन केरी समेत 17 पर्यावरण मंत्री और 200 से ज्यादा अन्य प्रतिनिधि इस बैठक में भाग ले रहे हैं। चीन रूस और अर्जेंटीना के प्रतिनिधि डिजिटल माध्यम से इसमें हिस्सा ले रहे हैं।