मोस्ट वांटेड और मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे को अब्बास अंसारी को गैर भाजपा शासित राज्यों में पनाह मिलने की बात सामने आ रही है। पंजाब में पुलिस की सक्रियता बढ़ते ही उसकी ताजा लोकेशन राजस्थान में मिलने की जानकारी है। अब्बास की लोकेशन पिछले तीन दिनों से पंजाब और राजस्थान के बार्डर पर मिल रही है।
कानूनी दांव-पेच से अब्बास को घेरेगी पुलिस
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब्बास को यूपी पुलिस कानूनी दांव-पेच में घेरने के लिए एक्सपर्ट्स की राय ले रही है। अब्बास को न पकड़ पाने को लेकर यूपी पुलिस की किरकिरी हो रही है। पिछली दबिश और लगातार कोर्ट से लेकर पुलिस को गुमराह करने का ग्राउंड बनाकर जल्द से जल्द कुर्की की कार्रवाई करने की तैयारी में यूपी पुलिस है।
अब्बास की धरपकड़ के लिए एक विशेष टीम को लगाया गया है। जो पंजाब से लेकर राजस्थान तक उसकी हर गतिविधियों पर नजर रख रही है। इस टीम में सर्विलांस से लेकर खुफिया तंत्र पर पकड़ रखने वाले दरोगा सिपाहियों की टीम है।
अब्बास का केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की योजना
मुख्तार अंसारी के कुनबे पर यूपी पुलिस की नजर है। यूपी पुलिस अब्बास अंसारी की पत्नी और बेटे से लेकर भाई और गुर्गों तक की संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई में लगी है। साथ ही अब्बास को जल्द से जल्द अवैध असलहा मामले में सजा दिलाने के लिए कुर्की होते ही मामले का फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल शुरू कराने की कोशिश तैयारी है। जिसमें उसके पुराने मामले भी शामिल हैं। चर्चा है कि कोर्ट में उसके ऊपर लगे आरोपों को सिद्ध होते ही उसकी विधायकी पर खतरा आ जाएगा।
अब्बास पर शूटिंग के नाम पर अवैध कारतूस कारोबार का आरोप
यूपी STF के मुताबिक माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ शूटिंग प्रैक्टिस के नाम पर अवैध कारतूस का कारोबार कर रहा था। उसने खुद को नेशनल शूटर बताकर अवैध तरीके से आठ विदेशी हथियारों के साथ ही हजारों कारतूस खरीदे थे। उसके पास से बरामद कारतूस शूटिंग प्रैक्टिस में प्रयोग न होकर अपराधी गतिविधियों में इस्तेमाल होने वाले थे।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश शुक्ल के मुताबिक अब्बास अंसारी को अक्टूबर 2012 में लाइसेंस जारी हुआ। उस वक्त वो नाबालिग था। उसने नेशनल शूटिंग कंप्टीशन की तैयारी के लिए लाइसेंस अप्लाई किया था। उसकी गार्जियनशिप मुख्तार अंसारी की थी। वहीं धोखाधड़ी करके अब्बास ने निशातगंज के पेपर मिल कॉलोनी के पते पर डबल बैरल बंदूक का लाइसेंस नई दिल्ली बसंतकुंज स्थित किशनगंज के पते परट्रांसफर करवा लिया।
14 जुलाई को जारी हुआ था कोर्ट में पेशी का वारंट
मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ 14 जुलाई को कोर्ट ने वारंट जारी किया था। जिसमें महानगर पुलिस को उनको कोर्ट में पेश करने को कहा था। अब्बास के खिलाफ 12 अक्टूबर 2019 को इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह ने महानगर थाने में अवैध असलहा संबंधित मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी।
जिसकी विवेचना एसटीएफ कर रही है। जांच के दौरान पुलिस टीम ने दो राइफल तीन 12 बोर का गन एक रिवाल्वर और एक पिस्टल के साथ कई बोर के 4431 कारतूस और मैगजीन बरामद की थी। 24 दिसंबर 2020 को इस मामले में अभियुक्त अब्बास अंसारी के खिलाफ 420 467 468 471 और शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत चार्ज शीट दाखिल की गई थी।
लखनऊ की महानगर पुलिस ने अब्बास को भगोड़ा घोषित करने की अर्जी 11 अगस्त को कोर्ट में दी थी। कोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए 25 अगस्त तक उसको पेश करने को कहा था। उसकी गिरफ्तारी न होने पर एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष श्रीवास्तव ने पुलिस की अर्जी पर आरोपी विधायक के खिलाफ 82 दण्ड प्रक्रिया संहिता जारी करके विधायक अब्बास को फरार घोषित कर कर दिया।
मुख्तार के हर गुनाह का लेखाजोखा तैयार
मुख्तार अंसारी गीजीपुर के मुहम्मदाबाद का इंटर स्टेट गैंग 191 का लीडर है। इसके खिलाफ करीब 55 मुकदमा वर्ष 1978 से लेकर 2021 तक दर्ज हैं। इसके खिलाफ यूपी में गाजीपुर वाराणसी चन्दौली सोनभद्र आगरा लखनऊ मऊ तथा बाराबंकी के विभिन्न थानों के साथ ही नई दिल्ली पंजाब (मोहाली) के विभिन्न थानों में दर्ज हैं। जिसमें आईपीसी की गंभीर धाराओं के साथ गैंगस्टर अधिनियम राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम मकोका एक्ट टाडा शामिल हैं।
मुख्तार गैंग के 244 सदस्यों पर हो चुकी है कार्रवाई
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के गैंग के 244 सदस्यों पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 1 अरब 94 करोड़ 82 लाख 67 हजार 859 रुपये की संपत्ति जब्त की है। वहीं मुख्तार गैंग के 158 गुर्गे गिरफ्तार किए। गैंग के 110 सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर 30 के खिलाफ गुंडा एक्ट और छह के खिलाफ एनएसए लगाया गया। वहीं 122 असलहों के लाइसेंस निरस्त हुए।