भाजपा एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर काम करती है। लिहाजा प्रदेश भाजपा की जिम्मेदारी मिलते ही भूपेंद्र चौधरी ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। भूपेंद्र चौधरी को 25 अगस्त को यूपी बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सोमवार को उन्होने लखनऊ में पदभार ग्रहण किया और आज यानी मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक से पहले इस्तीफा दे दिया है।
भूपेंद्र चौधरी ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे के बारें में जानकारी दी। भूपेरंद्र चौधरी ने ट्वीटर पर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व के सम्यक निर्वहन के लिए आज मंत्रीमंडल से त्यागपत्र दिया। अपने पहले औऱ दूसरे कार्यकाल में क्रमश: राज्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री के रुप में प्रदेश की जनता की सेवा का अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का आभार।
चर्चा है कि पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम केशव मौर्य को मिल सकती है। हालांकि दूसरी चर्चा यह भी है की पंचायती राज विभाग को ग्राम विकास विभाग के साथ जोड़ दिया जाए। जिस तरह से सिंचाई विभाग को एक नया मंत्रालय जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया वैसे ही ग्राम विकास और पंचायती राज को जोड़कर एक नया मंत्रालय भी बनाया जा सकता है।
UP में बन सकता है नया मंत्रालय ?
यूपी में सरकार बनने के बाद योगी सरकार ने एक बड़ा प्रयोग किया था। सिंचाई विभाग को लघु सिंचाई और जल संसाधनों के साथ मिला कर एक बड़ा जंबो मंत्रालय बनाया गया। इसे जल-शक्ति मंत्रालय कहा जाता है।
फिलहाल इसकी जिम्मेदारी स्वतंत्र देव सिंह के पास है। केंद्र की तर्ज पर यूपी में भी इसका गठन किया गया था। केंद्र में जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत जल शक्ति मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहें है। कहा जा रहा है कि पंचायतीराज विभाग को भी किसी दूसरे विभाग के साथ मिलाकर एक बड़ा विभाग बनाया जा सकता है।
केशव मौर्य को मिल सकती है पंचायतीराज की जिम्मेदारी
डिप्टी सीएम केशव मौर्य के पास ग्रामीण विकास के अलावा ग्रामीण इंजीनियरिंग खाद्य प्रसंस्करण मनोरंजन कर और सार्वजनिक उद्यम और राष्ट्रीय एकीकरण विभाग भी हैं। सूत्र बताते हैं कि जिस तरह से जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया ठीक उसी तरह ग्राम विकास और पंचायती-राज को एक विभाग में भी शामिल किया जा सकता है और इसकी जिम्मेदारी केशव मौर्य को दी जा सकती है।
केशव का बढ़या जाएगा कद?
सवाल केशव मौर्य के कद को भी लेकर उठ रहें है। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में पिछड़ने के बाद अब चर्चा है कि केशव का कद बढ़ाने के लिए पंचायतीराज की जिम्मेदारी भी इन्हें दी जा सकती है।
अगर केशव मौर्य को यह विभाग मिलता है तो एक बार फिर उनके कद में बढ़ोतरी मानी जाएगी। चुनाव हारने के बाद पहले ही वह योगी सरकार में डिप्टी सीएम जैसा अहम पद पा चुके हैं। साथ ही उन्हें विधान परिषद में सदन के नेता के रूप में यूपी भाजपा के पूर्व प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह की जगह भी मिल गई है।