प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर भले ही स्थिर हो गया हो लेकिन बाढ़ के चलते यहां चल रहे विकास कार्यों की पहिया थम गई है। यहां गंगा पर बन रहे 6 लेन पुल के निर्माण पर भी ब्रेक लग गया है। 9.9 किलोमीटर लंबे इस पुल को 2024 में बनकर तैयार किया जाना है लेकिन अब गंगा में जलस्तर बढ़ने की वजह से पूरा कार्य बाधित हो गया। जो मशीनें यहां लगी थीं सब हटा दी गई हैं और मजदूर अपने घर लौट गए हैं। हाल में ही बनकर तैयार हुए पिलर भी जलमग्न हो गए। इंजीनियर बताते हैं कि बाढ़ का पानी निकलने के एक-दो माह बाद ही कार्य की रफ्तार बढ़ेगी।
1948 करोड़ की लागत से बन रहा पुल
यह पुल मफोर्डगंज से मलाक हरहर तक बन रहा है। इससे लखनऊ से आने और जाने वालों की काफी राहत मिली है। खास बात यह है स्टेटेड ब्रिज देश का सबसे लंबा पुल होगा। और जिसके निर्माण में 1948 करोड़ की लागत लगेगी। इस पर चढ़ने के लिए लिफ्ट भी बनाया जाएगा। 2025 में महाकुंभ को देखते हुए इस पुल का निर्माण कराया जा रहा है। ममफोर्डगंज से मलाक हरहर तक यहां पूरा डूब गया है जिससे पूरा काम बंद कर दिया गया है।
गंगा पर बन रहे रेलवे पुल का कार्य ठप
शहर के दारागंज से झूंसी के बीच गंगा नदी के ऊपर रेलवे पुल बन रहा है। 111 नंबर के इस पुल का निर्माण RVNL (रेल विकास निगम लिमिटेड) द्वारा कराया जा रहा है। दरअसल पूर्वाेत्तर रेलवे द्वारा वाराणसी से प्रयागराज जंक्शन तक रेल लाइन का दोहरीकरण हो रहा है। यह प्रोजेक्टर उसी का हिस्सा है। 1950 मीटर बन रहे इस पुल का निर्माण बाढ़ के चलते बंद हो गया है। इस पुल के लिए 25 पिलर बनाए जाने हैं। इसमें कई बनकर तैयार भी हो गए थे लेकिन जब बाढ़ के चलते गंगा का जलस्तर बढ़ गया तो यह पिलर जलमग्न हो गए। पुल के पिलर के लिए बनाए गए कुएं भी पानी में जलमग्न हो गए हैं।