रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर के गर्भगृह की तस्वीर जारी की हैं। इसमें राम लला का अष्टकोणीय मंदिर की डिजाइन है। दिसंबर 2023 तक पूरा होने वाले गर्भगृह की कमल जैसी डिजाइन अब दिख रही है
गर्भगृह के दर्शन के लिए तैयार हो रहे दरवाजे
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम भक्तों के लिए राम झरोखा साल भर पहले से बना रखा है। रामलला के दर्शन के जाने वाले रास्ते पर दाहिनी ओर बने झरोखे से लोग रामजन्मभूमि पर बन रहे रामलला के मंदिर को देख सकते हैं। हर रोज 10 हजार से एक लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर रहे हैं।
मंदिर बनने के बाद ये संख्या और बढ़ती जाएगी। राम मंदिर ट्रस्ट उत्सव के दौरान एक साथ 50 हजार लोगों के दर्शन की व्यवस्था पर काम कर रहा है। इसके लिए राम मंदिर के गर्भगृह का दरवाजा इस तरह से बनाया जा रहा है कि भक्त अधिक होने पर उसको खोला जा सके। इससे भक्तों को रामलला का दर्शन बेहतर तरीके से हो सकेगा।
50 एकड़ जमीन पर रामायण कालीन बाग
2024 की मकर संक्रांति को रामलला अपनी जन्मभूमि पर बने मंदिर में दर्शन देंगे। ट्रस्ट निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हर महीने बैठक करके तैयारियों की समीक्षा कर रहा है। कुल मिलाकर राम मंदिर निर्माण का काम ट्रस्ट पूरी शक्ति के साथ दिन-रात करा रहा है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास मौजूद 70 एकड़ जमीन में कुल 20 एकड़ पर निर्माण होने हैं। इसमें 5 एकड़ में मंदिर बन रहा है। बाकी 15 एकड़ पर अन्य देवताओं के मंदिर और रामलला से जुड़े अन्य धार्मिक संदर्भ दिखाए जाएंगे। 50 एकड़ भूमि पर रामायण कालीन बाग विकसित किया जा रहा है।
2030 तक हर साल 5 करोड़ भक्तों का अनुमान
अयोध्या प्रशासन का अनुमान है कि साल 2030 तक हर साल अयोध्या दर्शन के लिए 5 करोड़ भक्त आने लगेंगे। इसके लिए श्रीरामजन्मभूमि कॉरीडोर बनाया जा रहा है। राम पथ भक्ति पथ और रामजन्मभूमि को दिसंबर 2023 तक पूरा करने के डायरेक्शन सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं।