झांसी के खड़ेसर गांव से सटी बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ने से 5 दिन से 2 टापू पर 4 युवक फंसे हुए है। नदी में पानी का बेग भीषण होने के कारण टापू तक पहुंचना मुश्किल है। लोकल संसाधन काम नहीं आए तो चित्रकूट से SDRF की टीम को देर रात बुलाया गया। जिसे बिना किसी सफलता के वापस जाना पड़ा।
आज सुबह यानी गुरुवार को आर्मी और SDRF मौके पर पहुंच गई है। युवकों को निकालने का प्रयास करेगी। लगातार नदी का जलस्तर बढ़ने से खतरा बना हुआ है। प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर डटे हुए हैं। SDM टहरौली इंद्रकांत द्विवेदी ने बताया SDRF टीम ने रेस्क्यू शुरू कर दिया है। अगर आगे जरुरत पड़ी तो आर्मी की मदद ली जाएगी।
डीएम ने कहा- हेलीकॉप्टर से सेना जल्द करेंगी रेस्क्यू
डीएम रवींद्र कुमार ने बताया टापू पर फंसे सभी सुरक्षित हैं। झांसी आर्मी के हेलिकॉप्टर से उन्हें भोजन उपलब्ध कराएंगे। इस हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट नहीं किया जा सकता है। इसलिए ग्वालियर सेना से बात की जा रही है। जल्द ही उन्हें सुरक्षित निकाले जाने की लिए हेलिकॉप्टर की व्यवस्था कर ली जाएगी।
मछली पकड़ने के चक्कर में जान पर बन आई
खड़ेसर गांव से सटी बेतवा नदी पर 2 टापू बने हैं। बड़े टापू पर गांव के किसानों की 8 एकड़ जमीन है। 19 अगस्त को गांव के फूलसिंह उर्फ भूरे अशोक (21) मनीराम (40) और हरि (40) बड़े टापू पर स्थित खेत पर गए थे।
जमुना ने बताया कि नदी का जलस्तर कम था। इसलिए बेटा भूरे और अशोक मछली पकड़ने के लिए छोटू टापू पर चले गए। खाने के लिए ढाई किलो आटा ले गए। शाम को नदी का जलस्तर एकदम बढ़ गया और दोनों टापू पर फंस गए। वहीं मनीराम व हरि बड़े टापू पर फंस गए।
छोटे टापू पर फंसे 2 युवक 4 दिन से भूखे
जमुना ने बताया कि बड़े टापू पर रहने की व्यवस्था है और एक माह का राशन मौजूद है। साथ ही पानी का स्तर भी कम हैं। लेकिन छोटे टापू पर हालत ज्यादा खराब है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ढाई किलो आटा खत्म हो गया। अब बेटा भूरे और अशोक 4 दिन से भूखे हैं। प्रशासन जल्द ही उनको निकाले।
5 दिन से कोई संपर्क नहीं
अशोक के पास मोबाइल नहीं है जबकि भूरे के पास मोबाइल है। लेकिन बारिश होने के कारण वह अपना मोबाइल घर पर ही छोड़ गया था। इसलिए दोनों से 5 दिन से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। बुधवार को नदी का जलस्तर एकदम बढ़ गया। इससे परिजन घबरा गए। भूरे भी नदी में कूदने वाला था। लेकिन ग्रामीणों ने नदी किनारे से तौलिया हिलाकर उसे मना किया।
रोते हुए मां बोली- योगी जी मेरा बच्चा निकलवा दो
टापू पर फंसे भूरे की मां रतिदेवी का रो- रोकर बुरा हाल है। मां ने कहा 19 अगस्त से बेटा भूखा प्यासा फंसा हुआ है। वो पहली बार रात को टापू पर रुका था। एक दिन का आटा लेकर गया था। अगले दिन उसे लौटना था लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने से वह टापू पर फंस गया। मोबाइल घर रख गया था इससे संपर्क नहीं हो पा रहा है। कल दिनभर नदी किनारे रोते रहे लेकिन अब तक बेटा नहीं निकल पाया है। योगी जी से मेरी मांग है कि बच्चा भूखा प्यास है। उसे निकालवा दो।
सेना ने बनाया नक्शा
सेना की टीम दोबारा मौके पर पहुंची। सेना ने मौके का नक्शा बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजा है। वहीं एसडीआरएफ का कहना है कि नदी में बड़े-बड़े पत्थर है इसलिए स्टीमर नहीं चल सकती। अगर स्टीमर नदी में उतारी तो फेन क्षत्रिग्रस्त हो सकता है। इसलिए स्टीमर का टापू तक जा पाना मुश्किल है।
नाव या ट्यूब से जाना मुश्किल
नदी किनारे से टापू की दूरी करीब एक किलोमीटर है। तहसीलदार अजय कुमार मौर्य ने बताया कि नदी में पानी का बहाव तेज होने के कारण नाव या ट्यूब से टापू तक पहुंचाना नामुमकिन है। एसडीआरएफ की टीम सुबह स्टीमर से टापू तक पहुंचने की कोशिश करेगी। अगर सफलता नहीं मिली तो एयरलिफ्ट किया जाएगा।
रात को नदी किनारे डाला पूर्व मंत्री प्रदीप जैन ने डेरा
घटना की जानकारी मिलने पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य बुधवार दोपहर को मौके पर पहुंच गए और परिवार को ढाढ़स बंधाया। रात को भी पूर्व मंत्री परिजनों के साथ नदी किनारे डेरा डाले हुए थे। पूर्व मंत्री ने कहा कि वे लगातार अफसरों से संपर्क बनाए हुए हैं। टापू पर फंसे युवक की मां बेसुध पड़ी हैं। प्रशासन से अपील है कि चारों युवकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाले।