32 मंजिला टावर 9 सेकंड में जमीदोज हो जाएगा

32 मंजिला टावर 9 सेकंड में जमीदोज हो जाएगा

नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावरों को 28 अगस्त को ध्वस्त किया जाएगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। सियान टावर में विस्फोटक लगाने का काम पूरा हो गया है। एपेक्स में रविवार को विस्फोटक नहीं लगाया गया। 24 अगस्त तक इसमें भी विस्फोटक लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।


ब्लॉस्ट से पहले ढके जाएंगे पार्क

टावरों को ध्वस्त करने से पहले आसपास की सोसाइटी के सभी पार्क और आसपास लगी झाड़ियों को धूल से बचाने के लिए उन्हें प्लास्टिक सीट से कवर किया जा रहा है। जिससे पार्क और झाड़ियों को बचाया जा सके। ध्वस्तीकरण में करीब 300 मीटर धूल का गुबार उठेगा ऐसे में पार्क और झाड़ियों में घुसने वाली धूल को साफ करने में परेशानी होगी। इसके लिए प्लान नोएडा प्राधिकरण ने तैयार किया है।


इन सोसाइटी के होंगे पार्क

टावर के आसा-पास पार्श्वनाथ ATS एल्डिको सिल्वर सिटी और एम्राल्ड कोर्ट सोसाइटी है। इन सभी सोसाइटी के अंदर पार्क बने हुए हैं। इन पार्कों की सुंदरता बढ़ाने के लिए पार्क के किनारे झाड़ियां भी लगाई गई हैं।


28 अगस्त को सुबह 7 बजे 7 हजार लोग असेंबली प्वाइंट पर इकट्‌ठा हो जाएंगें

दोनों टावरों के चारो ओर एक्सक्लूशन जोन बनाया गया है। टावरों के दाएं और बाएं ओर 250 मीटर एमराल्ड कोर्ट और ग्रीन विलेज 450 मीटर आगे (नोएडा प्राधिकरण पार्क को कवर करते हुए) और 270 मीटर पीछे एमराल्ड कोर्ट की ग्रीन बेल्ट तक। इसमें इमरजेंसी सर्विस इमरजेंसी असेम्बली प्वाइंट व्यू प्वाइंट रोड क्लोजर परमिट गार्डस इनिशिएशन प्वाइंट और ब्लास्टिंग जोन। असेम्बली प्वाइंट पर सुबह 7 बजे 7 हजार लोग इकट्‌ठा हो जाएंगे।


आइए समझते है नौ सेकंड में कैसे गिरेंगे दोनों टावर

दोनों टावरों को गिराने के लिए 2 ब्लास्ट (प्राइमरी और सेकंड्री) होंगे। प्राइमरी ब्लास्ट में दोनों बेस ग्राउंड फ्लोर पहले दूसरे छठवें दसवें 14वें 22वें 26वें और 30वें फ्लोर पर एक्सप्लोसिव किया जाएगा। इसके ब्लास्ट के सिक्यूसेंस 0 से 7.0 सेकंड का होगा। इसी तरह दूसरा ब्लास्ट 0 से 3.5 सेकंड का होगा।


ब्लास्ट के दौरान मलबा परिसर से बाहर नहीं आएगा। इसके लिए प्रत्येक कॉलम जिसमें एक्स्प्लोसिव किया जाएगा। उसे वायर गेज और जियो टेक्सटाइल फाइबर से कवर किया जा रहा है। प्रत्येक ब्लास्ट फ्लोर के बाहर ग्रीन शीट और सेफ्टी नेट लगा दिया गया है। इसकी डबल कोटिंग की जा रही है। ब्लास्ट के 9 सेकंड में इमारत समुद्र की वेव की तरह नीचे आ जाएगी।


जिस कपड़े से इमारत को ढका गया उसे समझाते है

जियो टेक्सटाइल फाइबर एक फैब्रिक है जो मजबूत और टिकाऊ है। टूट-फूट मोड़ और नमी प्रतिरोधी है। इस कारण इसका उपयोग नदी तटबंधों खादान की ढलानों के मिट्टी के कटाव को रोकने में भी किया जा सकता है। इसका प्रयोग ब्लास्ट के दौरान कंस्ट्रक्शन मलबा नहीं फैले इसके लिए किया जा रहा है। पिलर के चारो ओर हैवी वायर मैश (तारो का जाल) बनाया गया है। ये जाल एक प्रकार की जकड़ बनाता है। ब्लास्ट के दौरान पिलर ध्वस्त होगा लेकिन उसके पार्टिकल दूर दूर तक नहीं जाएंगे।


पिलर को मजबूत किया जा रहा

दिल्ली स्थित डी एंड आर कंसल्टेंट द्वारा किए गए ऑडिट से पता चला कि सुपरटेक एमराल्ड के स्ट्रक्चरल ड्राइंग के विपरीत हुआ है। बेसमेंट कॉलम का डिजाइन एम -15 ग्रेड कंक्रीट होना चाहिए। यहां कई बेसमेंट कॉलम की ताकत एम 8- एम-10 एम-12 और एम-13 के आसपास थी। एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया ने कहा 55 कॉलम काे मजबूत किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश एस्पायर 1 एस्टर 2 और 3 कुछ स्तंभ ऐसे भी हैं जो गैर-टॉवर क्षेत्र में भी हैं।


ये भी समझे कि क्यो गिराए जा रहे टावर

2014 से पहले सोसाइटी के आरडब्ल्यूए ने नोएडा प्राधिकरण से निर्माण के बारे में जानकारी मांगी तो उन्हें मना कर दिया गया। एमराल्ड कोर्ट निवासी इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट ने अप्रैल 2014 में दोनों टावरों को अवैध करार दिया। उन्हें गिराने का आदेश दे दिया। हाईकोर्ट ने कहा था कि एपेक्स और सियान नाम के इन टावरों के निर्माण में नियमों का पालन नहीं किया गया है। इसी फैसले के खिलाफ सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी लेकिन वहां से भी उसे राहत नहीं मिली।


सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों को अवैध माना और 30 नवंबर 2021 तक दोनों टावरों को गिराए जाने को कहा था लेकिन आसपास की सुरक्षा को देखते हुए तारीख आगे बढ़ती गई। इसके बाद टावर को गिराने की गाइडलाइन बढ़ती गई। ट्रायल ब्लास्ट 10 अप्रैल को किया गया। इसे सबसे पहले 21 अप्रैल को ध्वस्त करना था। इसके बाद 21 अगस्त और अब 28 अगस्त को ध्वस्त किया जाएगा।


32-32 फ्लोर के बनाए गए 950 से ज्यादा फ्लैट

सुपरटेक के दोनों टावरों में 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाए जाने थे। उच्च न्यायालय की ओर से 2014 में स्टे लगाने के पहले 32 फ्लोर का कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका था। 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे। जिनमें से 248 रिफंड ले चुके हैं 133 दूसरे प्रोजेक्ट्स में शिफ्ट हो गए लेकिन 252 ने अब भी निवेश कर रखा है। इन 252 निवेशकों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ करीब 100 करोड़ रुपए वापस करने हैं। दोनों टावरों को गिराने में करीब 17 करोड़ रुपए का खर्च होगा इसमे मलबे की कीमत करीब 13 करोड़ रुपए के आसपास होगी।

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