मुजफ्फरनगर के तुषार ने घर में पड़े कबाड़ से कमाल कर दिया। तुषार ने अखबार की 5 किलो अखबारी रद्दी से बनाई 1500 तीलियों (न्यूज पेपर स्टिक्स) से 7 दिन में राम मंदिर का शानदार मॉडल बना डाला। इसको इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स ने 2022 के एडिशन में जगह दी है।
खास बात यह है कि तुषार ने राम मंदिर मॉडल महज 7 दिन में बना लिया। इसका काम उसी दिन पूरा किया जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया था। इसके बाद वह 50 से अधिक दूसरे शानदार मॉडल बना चुके हैं। इसमें इंडिया गेट से लेकर लाल किला शामिल है।
लाकडाउन में बनाया था राम मंदिर का मॉडल
मुजफ्फरनगर की गांधी कॉलोनी में जीतेंद्र शर्मा रहते हैं। वह पेशे से व्यापारी हैं। तुषार इन्हीं के बेटे हैं। तुषार बीकॉम सेकंड ईयर के स्टूडेंट हैं। उनको पुरानी चीजों और कबाड़ से नई-नई प्रोजेक्ट बनाने का शौक है।
तुषार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान वह काफी नर्वस थे। तभी उनको राम मंदिर का मॉडल बनाने का आइडिया आया। बाजार बंद थे। ऐसे में उसे घर में उपलब्ध चीजों से ही मॉडल बनाना था।
तुषार बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान जानकारी मिली कि 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास करने वाले हैं। इससे राम मंदिर का मॉडल बनाने की प्रेरणा मिली। उसने 7 दिन पहले मॉडल बनाना शुरू कर दिया था। 5 अगस्त को जब प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया तो उसी दिन उनका मॉडल बनकर तैयार हुआ।
तुषार बताते हैं कि उन्होंने घर में पड़ी 5 किलो अखबार की रद्दी माचिस की 1500 तीली और फेवीकोल का यूज कर राम मंदिर का मॉडल तैयार किया। पिता जितेंद्र ने बताया कि 3 भाई-बहनों में सबसे छोटा तुषार काफी होनहार है। वह अल्मारियों का कारोबार करते हैं। उनकी पत्नी ज्योति शर्मा हाउस वाइफ हैं।
दिसंबर में मिली इंडिया बुक में शामिल होने की जानकारी
तुषार ने बताया कि राम मंदिर माडल तैयार होने के बाद उसे जानकारी मिली कि इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में ऐसी कलाकृतियां बनाने वाले या कुछ अलग करने वालों के नाम शामिल हो सकते हैं। उसने 2020 में ही रिकार्ड में राम मंदिर मॉडल शामिल करने को अप्लाई किया।
कुछ फैक्ट चेकिंग बाद उसकी कलाकृति 16 दिसंबर 2020 को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल कर ली गई। इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड के 2022 एडिशन में राम मंदिर माडल के फोटो सहित उसका नाम शामिल कर दिया गया।
परिश्रम और कला से कबाड़ में जान डाल रहा है तुषार
तुषार ने बताया कि वह अब तक छोटे-बड़े करीब 50 से अधिक मॉडल बना चुका है। बताया कि अधिकतर मॉडल में वह रद्दी का ही प्रयोग करते हैं। उन्होंने बताया कि उसके बनाए गए लालकिला इंडिया गेट बदरीनाथ व केदारनाथ धाम रफायल विमान महात्मा गांधी का चर्खा आदि के मॉडल काफी सराहे जा चुके हैं।