5 प्रोजेक्ट ने बदल दी मेरठ दी तस्वीर 45 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट 2024 तक पूरे होंगे

5 प्रोजेक्ट ने बदल दी मेरठ दी तस्वीर 45 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट 2024 तक पूरे होंगे

मेरठ की तस्वीर बदल रही है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलंदशहर हाईवे से लेकर और मेरठ-गढ़ हाईवे ने लोगों का सफर आसान बनाया है। ऐसे ही 5 प्रोजेक्ट मेरठ को रफ्तार दे रहे हैं। 45 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट साल 2024 तक पूरे हो जाएंगे। इनमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट दिल्ली मेरठ रैपिड ट्रेन है।


दिल्ली से मेरठ के मोदीपुरम तक रैपिड का काम तेजी से चल रहा है। इसी ट्रैक पर मेरठ के मोहिउद्दीनपुर से मोदीपुरम तक मेट्रो ट्रेन भी चलेगी। दोनों के लिए एक ही ट्रैक तैयार किया गया है। 8 हजार करोड़ की लागत से तैयार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर वाहन फर्राटा भर रहे हैं।


प्रोजेक्ट 1

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे से आसान हुआ सफर


वेस्ट यूपी और एनसीआर के लोगों को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे बनने के बाद सहूलियत हुई। इस प्रोजेक्ट को 8 हजार करोड़ की लागत से विकसित किया गया है। मेरठ से गाजियाबाद नोएडा और दिल्ली की तरफ 2 घंटे के सफर को अब सिर्फ 45 से 50 मिनटों में पूरा किया जा रहा है।


96 किमी. लंबे इस एक्सप्रेस वे को 4 चरण में पूरा किया गया है। पहले चरण में निजामुद्दीन सेतु से दिल्ली-यूपी की सीमा तक पूरा किया गया है। दूसरे चरण में दिल्ली-यूपी की सीमा से गाजियाबाद के डासना तक इसे तैयार किया गया। तीसरे चरण में डासना से हापुड़ तक काम किया गया। चौथे चरण में हापुड़ बॉर्डर से परतापुर मेरठ तक इसे तैयार किया गया। 31 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। 2021 में यह पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ।


प्रोजेक्ट 2 686 करोड़ की लागत से बना मेरठ- बुलंदशहर हाईवे


मेरठ बुलंदशहर हाईवे एनएच - 235 जो अब (एनएच 334) के नाम से जाना जाता है। 686 करोड़ रुपये की लागत से इस फोर लोन हाईवे को तैयार किया गया है। 62 किमी लंबे इस हाईवे पर चार स्थानों पर बाइपास बनाए गये हैं। मेरठ की सीमा में फफूंडा और खरखौदा में बाईपास है। हापुड़ जिले की सीमा में हापुड़ में बाइपास बनाया गया है। बुलंदशहर जिले में गुलावठी में बाइपास बनाया गया है।मेरठ से हापुड़ जाने के लिए कोई टोल टैक्स वाहनों द्वारा नहीं दिया जा रहा सिर्फ बुलंदशहर जाने के लिए टोल टैक्स दिया जा रहा है।


2021 में पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ

मेरठ - बुलंदशहर हाईवे का शिलान्यास सितंबर 2016 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। 2017 में इस हाईवे के निर्माण पर काम शुरु हुआ और दिसंबर 2020 तक पूरा किया जाना था। लेकिन कई बार कार्य बंद हुआ तो लॉकडाउन के कारण फिर से देरी हुई। जून 2021 में यह पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ।


प्रोजेक्ट 3

मेरठ-गढ़ हाईवे पर चल रहा कंस्ट्रक्शन


मेरठ और गढ़ हाईवे पर भी इस समय चौड़ीकरण को लेकर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 50 किमी लंबे इस फोरलेन हाईवे को दिसंबर 2023 तक बनाकर तैयार किया जाना है। इसके लिए मेरठ और हापुड़ जिले के जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है उसे कर लिया गया है। गढ़ रोड से हापुड़ रोड और गढ़ रोड से मवाना रोड को जोड़ने वाली इनर रिंग रोड को भी बनाकर तैयार किया जाएगा।


मेरठ से गढ़ तक तक जब यह फोरलेन हाईवे बनकर तैयार हो जाएगा। इसे गढ़ में दिल्ली लखनऊ हाईवे से जोड़ा जाना है। अभी तक इस हाईवे पर सिर्फ मिट्‌टी और अलग अलग दूरी में पत्थर डाले जाने का काम चल रहा है। इसके लिए 300 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। 2068 करोड़ की लागत से इसे तैयार किया जाना है।


प्रोजेक्ट 4

मेरठ-बिजनौर पौड़ी हाईवे पर भी जल्द वाहन भरेंगे फर्राटा


मेरठ-बिजनौर-पौड़ी हाईवे (एनएच 119) पर भी वाहन जल्द ही फर्राटा भरते नजर आएंगे। मेरठ से मवाना और बहसमा तक इस फोर लेन हाईवे का काम तेजी से चल रहा है। सड़क पर मिट्टी डलवाने के साथ पुलों का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है। एनएचएआई ने बिजनौर में गंगा बैराज पर नये पुल के निर्माण को लेकर भी तैयारी शुरु कर दी है।


मेरठ से बिजनौर होते हुए उत्तराखंड तक इस फोरलेन हाईवे के निर्माण से यातायात सुगम हो जाएगा। इस हाईवे की लंबाई 126 किमी है। बिजनौर जिले से पौड़ी तक इसके दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। सेंचुरी क्षेत्र होने के कारण 36 किमी की लंबाई में यह अभी निर्माण कार्य में रफ्तार नहीं पकड़ सका है।


प्रोजेक्ट 5

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर


दिल्ली- मेरठ के बीच 2024 तक रैपिड और मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा। रैपिड रेल कॉरिडोर की लंबाई 82 किमी है। इसका 68 किमी का हिस्सा यूपी के गाजियाबाद और मेरठ में है। जबकि 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में है। दिल्ली से मेरठ के बीच कुल 25 स्टेशन बनेंगे जिनमें से 3 स्टेशन दिल्ली में हैं। बाकी सभी यूपी के क्षेत्र में हैं।


मार्च 2019 में इसका शिलान्यास किया गया। 70 किमी हिस्सा ऐलिवेटेड और 12 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड रहेगा। इस परियोजना में 32 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। 41 किमी की लंबाई में पिलर्स बनाने का काम भी पूरा हो चुका है। साहिबाबाद से दुहाई तक इसका काम 2022 के आखिरी तक पूरा कर लिया जाएगा।

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