काशी में आज देश के महामंडलेश्वरों की बैठक संत बोले- ज्ञानवापी में नमाज पढ़ने पर हो प्रतिबंध

काशी में आज देश के महामंडलेश्वरों की बैठक संत बोले- ज्ञानवापी में नमाज पढ़ने पर हो प्रतिबंध

काशी के ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने की पुष्टि हो चुकी है। इसलिए अब वहां नमाज पर प्रतिबंध लगना चाहिए। यह संदेश न्यायालय और सरकार के सामने स्पष्ट रूप से जाना चाहिए। हिंदू समाज के सभी संगठन एक धारा में चलें। हिंदुओं के लिए युग अनुकूल आचार संहिता तैयार की जाए। यह बातें आज वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति के आह्वान पर आए देश के अलग-अलग अखाड़ों के महामंडलेश्वरों ने कहीं।


संत समाज ने कहा कि संतों के मुखर होने से ही हिंदू समाज की समस्याओं का समाधान होगा। जिन राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं वहां वर्ष में एक बार वरिष्ठ संतों की बैठक अवश्य हो। ताकि किसी हिंदू को अकेलेपन का अनुभव न हो। देश का संत समाज उनके साथ है।


130 देशों के हिंदुओं के लिए दिल्ली में होगी बैठक


अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि आज देश के 20 वरिष्ठ महामंडलेश्वर यहां इकट्‌ठा हुए हैं। हमारी चर्चा इस मुद्दे पर है कि सनातन हिंदू धर्म के लिए भविष्य में हमारी भूमिका क्या होगी। पूरी दुनिया में सभ्यताओं के संघर्ष में हिंदुस्तान का हिंदू कहां सुरक्षित है।


यह सुनिश्चित करना शंकराचार्यों और महामंडलेश्वरों का दायित्व है। इस बैठक के बाद आगे सितंबर-अक्टूबर में दुनिया के 130 देशों के हिंदुओं की रक्षा के लिए हम दिल्ली में एक बड़ी बैठक करेंगे।


काशी विद्वत परिषद के विद्वान भी हुए शामिल


अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती के सिद्धगिरि बाग स्थित ब्रह्म निवास आश्रम पर संतों और विद्वानों की चर्चा का आयोजन किया गया है। इस आयोजन में श्रीकाशी विद्वत परिषद के विद्वान भी शामिल हुए हैं। चर्चा शुरू करने से पहले संतों ने तिरंगा यात्रा निकाल कर देश की एकता और अखंडता के लिए सभी से जी-जान से जुटने का आह्वान किया। संतों ने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि हम देश की आजादी के 75वें वर्ष के साक्षी बन रहे हैं।

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