नई दिल्ली. किसी भी कैमरे में सेंसर सबसे ज़रूरी इलेक्ट्रॉनिक पार्ट होता है. यह लाइट को एकत्र करके फाइनल इमेज बनाने में मदद करता है. मतलब ये कि जिस कैमरे का जितना बढ़िया फोटो सेंसर होगा उतनी अच्छी तस्वीर आने की संभावना भी बढ़ जाएगी. जो लोग सेंसर की अहमियत नहीं जानते वो यह सोचते हैं कि जितने अधिक मेगापिक्सल वाला कैमरा होगा उतनी ही फोटो बढ़िया आएगी मगर सच में ऐसा नहीं होता क्योंकि इमेज की क्वालिटी मेगापिक्सल पर नहीं बल्कि कैमरे के इमेज सेंसर पर भी डिपेंड करती है.
टेक एक्सपर्ट ऋषि पंचाल कहते हैं कैमरे में सेंसर की अहमियत ऐसे समझी जा सकती है कि एक 64MP वाले कैमरे के मोबाइल की फोटो क्वालिटी 24MP केक डिजिटल कैमरे से अच्छी नहीं आती. तो दोनों डिवाइसेस में जोर किसका रहा- सेंसर का ही न. लोगों को यह समझना चाहिए कि फोटोग्राफी में इमेज सेंसर का साइज़ ही ज़्यादा मायने रखता है. यह जानने पर आप यह समझ जाएंगे कि कैमरा खरीदते समय फुल फ्रेम या क्रॉप सेंसर कैमरा में से कौन-सा लेना बेहतर होगा.
कैमरे में सेंसर का काम
पुराने ज़माने में जो कैमरे होते थे उनसे फोटो खींचने के लिए एक फिल्म रोल का यूज किया जाता था. वैसे ही अब डिजिटल कैमरे आ गए हैं जिनमें फ़िल्म/रील का काम सेंसर करता है. यानी किसी कैमरे में इमेज सेंसर वो इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट है जो लेंस से आती हुई रोशनी को एकत्रित कर इमेज बनाने में सहायक होता है
इमेज सेंसर की अहमियत ऐसे भी समझी जा सकती है कि किसी इमेज के कलर और बाकी चीजों को पहचानने का काम सेंसर करता है. मतलब जितना बड़ा सेंसर होगा उससे ज्यादा अच्छी फोटो क्लिक होगी. DSLR कैमरे में CCD के बारे में आपने सुना होगा. एक बढ़िया कैमरा में 3 CCD इमेज सेंसर का यूज होता है. आजकल स्मार्टफोन के कैमरे में भी इस तरह के सेंसर आ रहे हैं. जिसमें सेंसर लेंस के माध्यम से आने वाली रोशनी को कैप्चर करता है और फोटो खिंच जाती है.