आज भद्रा के बाद बांध सकेंगे राखी गुरुवार को रात 8:51 बजे तक रहेगी भद्रा इसलिए नहीं बंधेगी राखी

आज भद्रा के बाद बांध सकेंगे राखी गुरुवार को रात 8:51 बजे तक रहेगी भद्रा इसलिए नहीं बंधेगी राखी

भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार श्रावणी पूर्णिमा को मनाया जाता है। जो 11 अगस्त को सुबह 10:38 से शुरू होगी और 12 अगस्त को सुबह 7:05 बजे तक रहेगी। लेकिन 11 अगस्त को भद्रा लगने के कारण त्योहार 12 अगस्त को मनाया जाएगा।


ज्योतिषाचार्य पं. हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि भद्रा काल में राखी बांधना पूरी तरह से वर्जित माना जाता है। इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार 12 अगस्त को मनाना श्रेष्ठकर होगा। पूर्णिमा तिथि होने के कारण 12 को त्योहार पूरे दिन मनाया जाएगा।


लेकिन 11 अगसत को रात में भद्रा समाप्त होने के बाद भी राखी बांधी जा सकती है। भद्रा खत्म होने के बाद चर चौघड़िए में 11 को रात 8:52 से 9:15 बजे तक भी राखी बांधी जा सकती है। बाकी 12 अगस्त को त्योहार मनाना ज्यादा शुभ रहेगा।


भद्रा में राखी बांधना होता है अशुभ


पं. हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि शास्त्रों की मान्यता के अनुसार भद्रा का संबंध सूर्य और शनि से होता है।हिन्दू धर्म शास्त्रों में भद्रा भगवान सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन है।शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी क्रूर बताया गया है।


इस उग्र स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उसे कालगणना या पंचाग के एक प्रमुख अंग करण में स्थान दिया। जहां उसका नाम विष्टी करण रखा गया। भद्रा की स्थिति में कुछ शुभ कार्यों यात्रा और उत्पादन आदि कार्यों को निषेध माना गया।


शाम तक रहेगा राखी बांधने का मूहूर्त


रक्षाबंधन 12 अगस्त को है। शुभ मूहूर्त सुबह 5:52 से शाम 5:45 मिनट तक रहेगा लेकिन स्थानीय मान्यताओं अनुसार कुछ लोग शुभ चौघड़िए या अभिजीत मुहूर्त देखकर भी राखी बांधते है।


चौघड़िया अनुसार राखी बांधने का शुभ समय सुबह 5:52 से 11:45 तक चर लाभ अमृत का समय रहेगा। वहीं दोपहर 1:15 से 2:45 बजे तक चौघड़िया मुहूर्त रहेगा जो बहुत शुभ माना जाएगा। इसके बाद शाम 4:15 से 5:45 तक चर का चौघड़िया रहेगा जो हर तरह से शुभ माना जाएगा।

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