माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड में कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक के परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं के ऑनलाइन पंजीकरण में अब यूनीक आईडी नंबर यानी UID नंबर देना होगा। इसे अनिवार्य कर दिया गया है। यह नंबर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ रहे पहली से आठवीं तक के बच्चों को परिषद देता है। इसका आधार नंबर से कोई लेना-देना नहीं है।
अब परिषदीय स्कूलों में पढ़कर यूपी बोर्ड में रजिस्ट्रेशन कराने वाले बच्चों को यही यूआईडी नंबर भरना होगा। जिन बच्चों के पास यूआईडी नंबर नहीं है उनका भी रजिस्ट्रेशन होगा। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर डालना अनिवार्य नहीं है।
यूपी बोर्ड सचिव ने कहा- अनिवार्य नहीं है आधार नंबर
यूपी बोर्ड ने पिछले साल आधार नंबर मांगना शुरू किया था लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया था। इस बार भी रजिस्ट्रेशन करते समय आधार नंबर मांगा जा रहा है। मगर यदि आपके पास आधार नंबर नहीं है तो कोई भी अंक भरने पर प्रोसेस कंप्लीट हो जा रहा है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला का कहना है कि आधार को अनिवार्य नहीं किया गया है। केवल परिषद द्वारा मिलने वाले यूनीक आईडी नंबर को रजिस्ट्रेशन के समय अनिवार्य किया गया है।
प्रदेश के सभी बीएसए और डीआईओएस को पत्र लिखकर यूनिक आईडी नंबर देने को कहा गया है। यूआईडी देना अनिवार्य है लेकिन जिसके पास यूआईडी नंबर नहीं है उनका भी बोर्ड रजिस्ट्रेशन करेगा। किसी को भी पढ़ाई से वंचित नहीं किया जाएगा। चाहे आधार और यूआईडी हो या न हो।
कानूनी तौर पर अनिवार्य नहीं कर सकते आधार
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शाश्वत आनंद का कहना है कि बच्चों को आधार संख्या के नाम पर पढ़ाई से वंचित करना कानूनी तौर पर गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2018 में आधार को असंवैधानिक ठहराया था। यूपी बोर्ड ने आधार अनिवार्य करने से पहले अपने एक्ट में संशोधन भी नहीं किया है। इसलिए कानूनी रूप से मान्य नहीं है।