प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव ने बेटे आदित्य को प्रसपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। सहकारिता से सियासी कॅरियर की शुरुआत करने वाले आदित्य जिला सहकारी बैंक इटावा के निर्विरोध अध्यक्ष रहे हैं। वो यूपी कोऑपरेटिव फेडरेशन के चेयरमैन भी रह चुके हैं। आदित्य ने इंजीनियरिंग की डिग्री ली है।
इसके बाद ग्लोबल बोर्ड इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलांयस के सबसे युवा डायरेक्टर भी चुने गए थे। यूपी की सक्रिय सियासत में वो 2017 के विधानसभा चुनाव में सामने आए। उनकी पॉलिटिकल लाइफ के अलावा कम लोगों को मालूम है कि उनकी पत्नी मैहर स्टेट की राजकुमारी हैं।
लखनऊ यूनिवर्सिटी में पढ़ती थीं आदित्य की पत्नी डिंपल ने भी यहीं से पढ़ाई की
आदित्य की शादी 2016 में राजलक्ष्मी सिंह से हुई है। राजलक्ष्मी के पिता संजय सिंह हैं। मां शारदा कुंवर सिंह हैं। शारदा कुंवर सिंह राजपूताना मैहर स्टेट की राजकुमारी रही हैं। राजलक्ष्मी के नाना राजा कुंवर नारायण सिंह जूदेव 3 बार MLA रह चुके हैं। राजलक्ष्मी के पिता संजय सिंह मुलायम के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ के लालगंज तहसील के रहने वाले हैं।
मैहर में शारदा देवी के मंदिर का जीर्णोद्धार इसी परिवार ने कराया था। राजलक्ष्मी सिंह ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से MA किया है। इसी यूनिवर्सिटी में राजलक्ष्मी की जेठानी डिंपल यादव भी पढ़ती थीं।
अब आपको आदित्य के कॅरियर के बारे में बताते हैं
10 साल से आदित्य PCF के सभापति रहे
आदित्य पिछले 10 साल से PCF के सभापति थे। इस बार सभापति का चयन करने वाले फेडरेशन की 14 सदस्य कमेटी में भाजपा के 11 सदस्य निर्विरोध चुने गए। सभापति बनने के लिए फेडरेशन के 14 सदस्य बोर्ड में शामिल होना जरूरी है जबकि भाजपा ने आदित्य यादव को बोर्ड का सदस्य तक नहीं बनने दिया।
बाकी बची 3 सीटें महिला कोटे की हैं जिन्हें सरकार चुनती है। इससे पहले सहकारिता के क्षेत्र में मुलायम परिवार का ही दबदबा रहा। 1991 में मुलायम परिवार की इस क्षेत्र में एंट्री हुई थी। 1994 में शिवपाल यादव PCF के सभापति बने थे और फिर चुने जाते रहे। उसके बाद लगातार 10 साल उनके बेटे आदित्य यादव चुने गए थे।
प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के साथ आदित्य के लिए चुनौतियां कम नहीं है। समझते हैं कि आगे की प्लानिंग क्या है
निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी
प्रसपा पूरी मजबूती के साथ यूपी में निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती है। इसीलिए प्रसपा के यूपी प्रभार में बदलाव हुआ है। प्रसपा के प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने कहा आदित्य का प्रदेश अध्यक्ष बनाना पार्टी के लिए फायदेमंद रहेगा। आदित्य अभी ICA का चुनाव जीते हैं। जमीनी स्तर पर उनका कार्यकर्ताओं से अच्छा संपर्क है।
गठबधंन के सवाल पर प्रसपा दीपक ने कहा अभी हम अपना संगठन मजबूत कर रहे हैं। पॉलिटिक्स में ऑप्शन के लिए दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। विधानसभा चुनाव में सपा गठबधंन का प्रदर्शन अच्छा रहा। ये इसलिए हुआ क्योंकि इस गठबधंन में शिवपाल यादव शामिल थे। प्रसपा निकाय चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव पूरी मजबूती के साथ लड़ेगी। आगामी चुनाव में आदित्य भी चुनाव मैदान में हाथ आजमाते हुए दिख सकते हैं।
यूपी में प्रसपा विस्तार के कयास के बीच कमान सौंपी
प्रसपा विस्तार की कयासों के बीच शिवपाल यादव ने अचानक अपने बेटे को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। विधानसभा चुनाव के बाद से उनकी और अखिलेश के बीच तल्खी बढ़ी है। माना जा रहा है कि प्रदेश की राजनीति में बेटे को लॉन्च करने के पीछे एक नई पॉलिटिकल जमीन की तलाश है। क्योंकि अब चाचा-भतीजा एक पॉलिटिकल मंच पर नहीं रहना चाहते हैं। अब तक आदित्य यादव प्रसपा के राष्ट्रीय महासचिव पद पर पार्टी के लिए काम कर रहे थे।
पार्टी कार्यकर्ता बोले- हमें युवा नेतृत्व मिल
शिवपाल के विधानसभा क्षेत्र जसवंतनगर से पूर्व ब्लॉक प्रमुख अनुज यादव मोंटी ने कहा हमारे नेता शिवपाल सिंह के फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा मिलेगी। प्रदेश अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ महासचिव फरहान शकील ने कहा नए प्रदेश अध्यक्ष पार्टी की नीतियों को आगे लाने का काम करेंगे। प्रसपा जिला प्रवक्ता विकास गुप्ता ने कहा प्रदेश में पार्टी को युवा नेतृत्व मिला है।