कुछ ऐसी है काबा के ब्लैक स्टोन की कहानी छूने और चूमने की 30 महीने पुरानी पाबंदी हटाई गई

कुछ ऐसी है काबा के ब्लैक स्टोन की कहानी छूने और चूमने की 30 महीने पुरानी पाबंदी हटाई गई

ढाई सालों के बाद सऊदी अरब ने अपने पवित्र स्थल काबा के के चारों ओर सुरक्षात्मक बाधाओं को हटा दिया है। जिन्हें एहतियात के तौर पर कोविड-19 महामारी से दौरान खड़ा किया गया था। ग्रैंड मस्जिद और पैगंबर की मस्जिद के मामलों के अध्यक्ष शेख डॉ अब्दुलरहमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-सुदैस ने उमराह के मौसम की शुरुआत के साथ काबा के आसपास सुरक्षात्मक बाधाओं को उठाने के लिए तरह की मंजूरी जारी करने की घोषणा की। इस घोषणा के बाद उमराह की यात्रा पर जाने वाले हाजी पहले की तरह इस काले पत्थर को छूकर दुआ मान सकेंगे। 


5 मार्च 2022 को किंगडम ने अधिकांश कोविड-19 प्रतिबंध हटा लिए हैं। इसमें ग्रैंड मस्जिद और पैगंबर की मस्जिद में उपासकों के बीच सामाजिक दूरी को खत्म करना शामिल था। हालांकि पूजा करने वालों को फेस मास्क पहनना अनिवार्य है। 13 जून 2022 को सऊदी अरब ने कोविड-19 महामारी से निपटने से संबंधित एहतियाती और निवारक उपायों को हटाने की घोषणा की।


मक्का इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र स्थल है. इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए जीवन में एक बार हज यात्रा करना जरूरी माना जाता है। मक्का काबा पहुंचकर हज यात्री काबे का तवाफ यानी परिक्रमा करते हैं। इस दौरान वो मस्जिद के पूर्वी कोने में लगे और चारों ओर से चांदी के फ्रेम में जड़े इस काले पत्थर को भी चूमते हैं। खाने काबा यानी मस्जिद-अल-हरम में लगा ये काला पत्थर भले ही आकर में छोटा हो लेकिन इसका महत्व इस्लाम धर्म में काफी बड़ा 

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