लखनऊ के फैजुल्लागंज में संक्रामक रोगों का प्रकोप जारी है। इस बीच 5 साल के बच्चें में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण मिलने के बाद सोमवार को जांच के लिए सैंपल लेकर KGMU भेज दिया गया।
सोमवार सुबह ही सीएमओ ऑफिस से मेडिकल टीम फैजुल्लागंज के संस्कृतपुरम पहुंची और बच्चें का हाल चाल लिया। इस दौरान एक्सपर्ट्स ने रेशेज देखकर मंकीपॉक्स नही चिकनपॉक्स यानी चेचक की आशंका जताई। हालांकि सैंपल जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ ठोस कहने की बात कही।
मेडिकल टीम ने जताया चेचक की आशंका
लखनऊ के डिप्टी सीएमओ डॉ. मिलिंद वर्धन ने बताया कि 2 डॉक्टर्स की अगुवाई में मेडिकल टीम ने इलाके का दौरा किया है। बच्चे और उसके परिजनों से भी मुलाकात हुई। कोई घबराने वाली बात नहीं बच्चे में जो लक्षण दिख रहे हैं वह मंकीपॉक्स जैसे नहीं चेचक जैसे नजर आ रहे हैं। सैंपल कलेक्ट कर के जांच के लिए लैब भेजे जा रहे हैं।
इसके अलावा आसपास के घरों का भी जायजा लिया गया। कोई घबराने वाली बात नही हैं। मेडिकल टीम लगातार पूरे इलाके का भ्रमण कर रही है।
सुल्तानपुर रोड पर भी आ चुके है चेचक के दर्जनभर से ज्यादा मामले
जुलाई माह में अचानक से सुल्तानपुर रोड के अहिमामऊ समेत इससे सटे इलाकों में भी चेचक के कई मामले सामने आएं थे। यहां एकाएक तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ी थी शुरुआत में स्वास्थ्य महकमे द्वारा लापरवाही दिखाई गई पर हालात बिगड़ने पर टीम की तैनाती हुई। हालांकि मेडिकल टीम की मौजूदगी का असर दिखा और नए चेचक के मामले आने बंद हो गए।
वही फैजुल्लागंज में लगातार संक्रामक रोगों की चपेट में लोग आ रहे हैं। कालरा और डायरिया के बाद अब यहां चेचक के फैलने की आशंका है। दूषित पेयजल के कारण ही सबसे पहले लोग बीमार पड़ना शुरू हुए थे। इस बीच तमाम प्रयासों के बावजूद यहां के हालात सामान्य होते नहीं दिख रहे।
यूपी में अब तक 8 मंकीपॉक्स संदिग्धों की हो चुकी है जांच
उत्तर प्रदेश में अब तक कुल 10 सैंपल मंकीपॉक्स की जांच के लिए लैब भेजे जा चुके हैं। राहत की बात यह है कि फिलहाल किसी भी सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। अब मंकीपॉक्स की जांच KGMU में ही शुरु हो चुकी है। 24 घंटे में लखनऊ के भीतर अलावा शाहजहांपुर में एक संदिग्ध मरीज के सामने आने की खबर थी।