आजादी की 75वीं वर्षगाँठ पर हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें उत्साह के साथ काम कर रही हैं। हर भारतीय का यह कर्तव्य है कि वह इस अभियान को सफल बनाने के लिए सहयोग और समर्थन प्रदान करे। तिरंगे में सभी को एकजुट करने की अपार शक्ति है इसलिए हर घर तिरंगा अभियान जन आंदोलन में तब्दील हो जाये तो निश्चित ही देश में इस समय व्याप्त कई सारे नकारात्मक मुद्दे खत्म हो जायेंगे। देशवासी खुशी से तिरंगा फहरा रहे हैं लेकिन नेताओं को क्या हो गया है?
संसद से लेकर सड़क तक प्रदर्शन
कांग्रेस ने महंगाई बेरोजगारी और जीएसटी मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। ऐसे में पार्टी ने संसद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक शुक्रवार को विरोध मार्च निकाला लेकिन पुलिस ने मार्च को विजय चौक पर ही रोक दिया। इतना ही नहीं कांग्रेस मुख्यालय के बाहर भी जमकर बवाल मचा। जिसके चलते पुलिस ने राहुल गांधी प्रियंका गांधी मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई कांग्रेसियों को हिरासत में लिया।
नेशनल हेराल्ड दफ्तर में ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस का विरोधाभास उजागर हो रहा है। ऐसे में उन्हें जनता का भी समर्थन चाहिए तो उन्होंने महंगाई बेरोजगारी और जीएसटी जैसे मुद्दों को उठाया। ऐसा नहीं है कि महंगाई नहीं बढ़ रही है। महंगाई बिल्कुल बढ़ रही है और इसको कंट्रोल करने के लिए रिजर्व बैंक भी अपनी तरह से कोशिशें कर रही है। कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध के चलते दूसरे देशों का हाल भी बेहाल है।
राहुल गांधी के मैं झुकूंगा नहीं डरूंगा नहीं वक्तव्य का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र है आपको झुकने की जरूरत नहीं है लेकिन जांच एजेंसियों को भी अपना काम करने देना चाहिए।
हर घर तिरंगा अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से सोशल मीडिया की डीपी पर तिरंगा लगाने की अपील की। इस पर कांग्रेस ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तिरंगे वाली तस्वीर सोशल मीडिया अकाउंट पर लगाई। इसके बाद तमाम कांग्रेसी इस तस्वीर को अपनी प्रोफाइल पिक्चर बना रहे हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस देश के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने लोकतंत्र की नींव रखी है। उनकी तस्वीर लगाने में कोई गुरेज नहीं है लेकिन अगर हम इसे राजनीतिक तौर पर देखें तो यह परिवारवाद का दर्शा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस एक परिवार से ऊपर नहीं उठ सकती है। अगर तस्वीर लगाना है तो आप अपनी तिरंगे की साथ में तस्वीर लगा सकते हो। हालांकि इस तस्वीर में भी कोई बुराई नहीं है।
परिवारवाद वाली राजनीति का उल्लेख करते हुए चेन्नई के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के अमान्य हो चुके राज्य झंडे की डीपी लगाकर और सपा सांसद शफीकुर्ररहमान ने तिरंगा फहराना अनिवार्य नहीं करने की मांग कर देशभक्तों का दिल दुखाया है।