कुश्ती में सुनहरा दिन : बजरंग साक्षी दीपक को स्वर्ण अंशु को रजत दिव्या और मोहित को कांस्य

कुश्ती में सुनहरा दिन : बजरंग साक्षी दीपक को स्वर्ण अंशु को रजत दिव्या और मोहित को कांस्य

बर्मिंघम।  स्टार पहलवान बजरंग पूनिया साक्षी मलिक और दीपक पूनिया ने राष्ट्रमंडल खेलों की कुश्ती स्पर्धा में शुक्रवार को शानदार शुरूआत करते हुए तीन स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाले जबकि अंशु मलिक को पदार्पण करते हुए रजत पदक मिला। दिव्या ककरान तथा मोहित ग्रेवाल ने कांस्य पदक हासिल किये। तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग का 65 किलो वर्ग में इतना दबदबा रहा कि पहले दौर में ही उन्होंने चार में से तीन मुकाबले जीते।उन्होंने फाइनल में कनाडा के लाचलान मैकनील को 9-2 से हराया।


इससे पहले इंग्लैंड के जॉर्ज रैम पर तकनीकी श्रेष्ठता (10-0) से जीत दर्ज कर आसानी से फाइनल में जगह बनायी थी। वहीं साक्षी मलिक ने 62 किग्रा के फाइनल में कनाडा की एना गोंडिनेज गोंजालेस को चित करके स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह साक्षी का राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण पदक है। इससे पहले वह राष्ट्रमंडल खेलों में रजत और कांस्य पदक जीत चुकी हैं।वहीं अंशु मलिक ने 57 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा में रजत पदक जीतकर देश का कुश्ती में खाता खोला था।


दीपक पूनिया ने पाकिस्तान के मोहम्मद इनाम को पुरूषों के 86 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में 3 . 0 से हराकर भारत को तीसरा स्वर्ण दिलाया। वहकनाडा के एलेक्जेंडर मूर को 3-1 से पराजित करके फाइनल में पहुंचे थे। दिव्या ककरान ने महिलाओं के 68 किलो वर्ग में कांस्य पदक के प्लेआफ मुकाबले में टोंगा की टाइगर लिली को महज 26 सेकंड में हराकर कांस्य पदक जीता। पुरूषों के 125 किलो वर्ग में प्लेआफ मुकाबले में मोहित ग्रेवाल ने जमैका के आरोन जॉनसन को 6 . 0 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया।


ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक अंतिम चार मुकाबले में कैमरून की बर्थे इमिलिएने इटाने एनगोले पर तकनीकी श्रेष्ठता से 10-0 की जीत से फाइनल में पहुंची थी। साक्षी ने क्वार्टरफाइनल में भी तकनीकी श्रेष्ठता से जीत हासिल की। उन्होंने इस शुरूआती मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड की केलसे बार्नेस को मात दी। गत चैम्पियन बजरंग मौरिशस के जीन गुलियाने जोरिस बांडोऊ को महज एक मिनट में पटखनी देकर 6-0 की जीत से सेमीफाइनल में पहुंचे।


उन्हें क्वार्टरफाइनल में पहुंचने में दो मिनट से भी कम समय लगा जिसके लिये उन्होंने शुरूआती दौर में नौरू के लोवे बिंघम को गिराकर 4-0 से आसान जीत दर्ज की। बजरंग ने एक मिनट अपने प्रतिद्वंद्वी को समझने में लिया और फिर जकड़ने की स्थिति से अचानक बिघंम को पटक कर मुकाबला खत्म कर दिया। बिंघम को इस अचानक से हुए दांव का पता नहीं चला और भारतीय पहलवान आसानी से जीत गया। अंशु को फाइनल में नाईजीरिया की ओडुनायो फोलासाडे एडुकुरोये से 3-7 से हार का सामना करना पड़ा।


अंशु ने इससे पहले हर मुकाबले में दबदबा बनाया। उन्होंने क्वार्टरफाइनल में आस्ट्रेलिया की इरेन सिमियोनिडिस और सेमीफाइनल में श्रीलंका की नेथमी पोरूथोटागे पर तकनीकी श्रेष्ठता (10-0) से जीत दर्ज की। दिव्या काकरान हालांकि फ्रीस्टाइल 68 किग्रा क्वार्टरफाइनल में नाईजीरिया की ब्लेसिंग ओबोरूडुडू से तकनीकी श्रेष्ठता (0-11) से हार गयीं जिससे वह रेपेशाज में उतरीं। मोहित ग्रेवाल साइप्रस के एलेक्सियोस काओस्लिडिस को हराकर 125 किग्रा फ्रीस्टाइल के सेमीफाइनल में पहुंचे लेकिन उन्हें कनाडा के अमरवीर धेसी से 2-12 से हार का सामना करना पड़ा जिससे वह रेपेशाज खेले।

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