कॉमनवेल्थ गेम्स में दिखेगा अन्नू के भाले का दम मेरठ के खेतों में गन्ना फेंककर करती थीं प्रैक्टिस

कॉमनवेल्थ गेम्स में दिखेगा अन्नू के भाले का दम मेरठ के खेतों में गन्ना फेंककर करती थीं प्रैक्टिस

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में जैवलीन थ्रोअर अन्नू रानी से गोल्ड की उम्मीद है। नीरज चोपड़ा कॉमनवेल्थ में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। ऐसे में पूरे देश की उम्मीदे मेरठ की बेटी अन्नू से है। 5 अगस्त को अन्नू का मैच है। अन्नू को जैवलिन खेलने का सफर आसान नहीं रहा है। शुरुआती दिनों में खेतों में गन्ने फेंककर प्रैक्टिस करती थीं।


कभी उधार के भाले तो कभी बांस से खेल निखारने का प्रयास किया। लड़की होकर लड़कों के साथ खेलोगी.. ऐसे तानों से भी सामना होता रहा। मगर अन्नू के मजबूत इरादों के आगे दुश्वारियों का लोहा पिघल गया। आज मेरठ में अन्नू के गांव बहादुरपुर में उनके मैच देखने की तैयारियां हो रही है। घर में सबको उम्मीद है कि अन्नू देश को पदक दिलाकर लौटेंगी।


किसान के घर में पैदा हुई आश्रम से एजुकेशन


इंटरनेशनल फेम की जैवलीन थ्रोअर अन्नू रानी 28 अगस्त 1992 में किसान परिवार में जन्मी थीं। अन्नू ने 2009-10 में मेरठ के गुरुकुल प्रभात आश्रम टीकरी से ट्रेनिंग शुरू की थी। आश्रम के स्वामी विवेकानंद सरस्वती अन्नू के पहले गुरु हैं जिन्होंने देश को बेहतरीन भाला फेंक खिलाड़ी दिया। अन्नू तीन बहनों और दो भाइयों में सबसे छोटी हैं।


बड़े भाई उपेंद्र भी 5000 मीटर के धावक हैं और विश्वविद्यालय स्तर पर खेल चुके हैं। उपेंद्र ने अन्नू की खेल क्षमता पहचान कर उसे गुरुकुल प्रभात आश्रम पहुंचाया। रोजाना 20 किमी साइकिल से आश्रम जाकर अन्नू अभ्यास करती। श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज दबथुआ से 6 से 12वीं तक की पढ़ाई के बाद गांव के डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।


जब पिता बोले माहौल खराब है, घर में रहो

अन्नू के जीवन में हर लड़की की तरह वो वक्त भी आया जब समाज में बेटियों की असुरक्षा को देखते हुए पिता अमरपाल सिंह ने उन्हें खेलने से मना कर दिया। पिता ने कहा जमाना खराब है ये क्या लड़कों के साथ भाला फेंकती हो। यहां-वहां जाती हो। उस कठिन वक्त में भाई के सपोर्ट से अन्नू ने खेलना शुरू किया। अन्नू जहां भी खेलने जातीं भाई अमरपाल साथ जाते। महिला छात्रावास में पहले पूरी चेकिंग करते फिर अन्नू को रहने की इजाजत देते अन्नू के पिता अमरपाल हॉस्टल के बाहर खुद पहरा देते थे।


9 बार अपना नेशनल रिकार्ड तोड़ा


बहादुर गढ़ में एक सामान्य किसान परिवार में पली-बढ़ी अन्नू ने 9 सालों में 9 नेशनल रिकार्ड बनाए हैं। हर बार अपने हाईएस्ट रिकॉर्ड को अन्नू खुद ही ब्रेक करती हैं। 2014 से लगातार 2022 आज तक अन्नू भाला फेंकने में अपने ही रिकार्ड तोड़ती आ रही है।


टोक्यो ओलिंपिक में पदक से चूक गई थीं

टोक्यो ओलिंपिक में अन्नू रानी पदक से चूक गई थीं। भाला फेंक प्रतियोगिता में ओलिंपिक में जाने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं। अपने ही नेशनल रिकॉर्ड को 9 बार ब्रेक कर चुकीं अन्नू ने वर्ल्ड रैकिंग के आधार पर टोक्यो ओलिंपिक का कोटा हासिल किया था। इंडियन क्वीन ऑफ जैवलिन के नाम से मशहूर अन्नू पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने 60 मीटर से दूर भाला फेंका।


अन्नू की उपलब्धियां


लखनऊ में 2014 के राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैम्पियनशिप में 58.83 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता।

दक्षिण कोरिया में इंचियोन एशियन गेम्स 2014 में 59.53 मीटर भाला फेंककर कांस्य पदक जीता।

एशियन चैम्पियनशिप 2015 में कांस्य पदक जीता।

नेशनल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2016 में 60.1 मीटर थ्रो करके अपना ही रिकार्ड तोड़ा।

एशियन चैम्पियनशिप 2017 में रजत पदक अपने नाम किया।

एशियन एथलेटिक चैम्पियनशिप 2019 (दोहा) में रजत पदक वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के लिए क्वालिफाइड किया।

नेशनल चैंपियनशिप 2019 में 62.34 मीटर फेंककर कीर्तिमान बनाया।

चेक रिपब्लिक में आईआईएएफ एथलेटिक्स चैलेंज में कांस्य पदक जीता।

ऑस्त्रा गोल्डन स्पाइक प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर वर्ल्ड एथलेटिक चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली देश की पहली महिला एथलीट बनीं।

2020 में एथलेटिक्स में स्पोर्ट्सस्टार एस स्पोर्ट्स वूमन ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीता।

आइए जानें अन्नू के भाले ने कब-कब तोड़े अपने नेशनल रिकार्ड


साल जगह रिकॉर्ड

2014 लखनऊ 58.83 मीटर

2014 एशियन गेम्स 59.53 मीटर

2014 हैदराबाद 59.87 मीटर

2016 लखनऊ 60.01 मीटर

2016 पटियाला 61.41 मीटर

2017 --- 62.34 मीटर

2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप 62.43 मीटर

2021 पटियाला 63.24 मीटर

2022 जमशेदपुर 63.82 मीटर

Leave a Reply

Required fields are marked *