इस वक्त सबसे ज्यादा जुनून अगर किसी पर सवार है तो वो हैं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जिन्होंने हर वक्त युद्ध के लिए तैयार रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं। वहीं दूसरी तरफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी जंग के लिए कदम उठा लिए हैं। दो देश हैं लेकिन इनका दुश्मन एक अमेरिका ही है। ऐसे में सवाल ये है कि इन मुल्कों में जंग छिड़ी तो नतीजा क्या होगा? अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी के एशियाई दौरे का आगाज हो चुका है। सबसे पहले नैन्सी पेलोसी सिंगापुर पहुंची हैं। पेलोसी की सुरक्षा को देखते हुए महाशक्ति अमेरिका ने अपने जंगी बेड़ों को ताइवान और जापान की सीमा पर तैनात कर दिया है।
बीजिंग की चेतावनी के बावजूद नैंसी पेलोसी मंगलवार की रात ताइपे में बिताएंगी। पेलोसी की यात्रा पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वाशिंगटन को बहुत गंभीर परिणाम की चेतावनी दी है। दूसरी ओर अमेरिका ने कहा कि वह चीन की धमकियों से नहीं डरेगा। निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार पेलोसी की उड़ान के लिए बफर जोन बनाने के लिए अमेरिका ने अपने विमानवाहक पोत और बड़े विमानों को ताइवान के करीब स्थानांतरित कर दिया है।
चीन ने धमकी दी है कि अगर नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की तो उसकी सेना चुप नहीं बैठेगी और कार्रवाई करेगी। इससे पहले अमेरिका ने अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर दर्जनों युद्धपोत और 3 सबमरीन को ताइवान की सीमा के बेहद करीब भेजा। ताइवान की मीडिया का दावा है कि नैंसी पेलोसी आज शाम को ताइपे पहुंच सकती हैं।