काशी हिंदू विश्वविद्यालय के केंद्रीय विद्यालय में 9वीं के छात्र मयंक के सुसाइड के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। बच्चे स्कूल के गेट पर जमा हैं और अपने साथी छात्र को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठा रहे हैं। छात्रों ने कहा वाइस प्रिंसिपल को सस्पेंड किया जाए। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
बच्चों ने कहा प्रिंसिपल ने जानबूझकर बच्चों पर दबाव बनाया। इस सुसाइड के पीछे स्टाफ जिम्मेदार हैं। यहां प्रिंसिपल से लेकर चपरासी तक का बर्ताव हिटलर जैसा है। इससे पहले भी प्रिंसिपल थीं उन्होंने कभी बच्चों से इस तरह का व्यवहार नहीं किया।
धरने पर बैठी मयंक की बड़ी बहन ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक इमोशनल लेटर लिखा है।
प्रिंसिपल बोला हर बाप को ऐसा लगता है उसका बेटा ठीक है
बहन ने रोते हुए कहा स्कूल वालों ने मेरे पापा से कहा कि तुम्हारा बेटा क्राइम की ओर बढ़ रहा है। वीडियो बना रहा है। पापा ने कहा मुझे वीडियो दिखाइए। मगर नहीं दिखाया गया। पापा ने कहा मेरे बेटे को माफ कर दीजिए वो ऐसा नहीं है। प्रिंसिपल का जवाब था हर बाप को ऐसा ही लगता है कि उसकी औलाद ठीक है। फिर उन्होंने भाई को स्कूल से निकाल दिया गया।
मम्मी डिप्रेशन की पेशेंट हैं वो बर्दाश्त नहीं कर पाएंगी
उसने घर आकर मम्मी से रोते हुए बोला कि मुझे मोबाइल नहीं चाहिए। बस मुझको स्कूल जाने दो। मम्मी स्कूल आईं तो उन्हें भी स्कूल के चक्कर काटने पर मजबूर किया गया। मंडे को आने के लिए कहा गया। भाई ने कहा दीदी मम्मी डिप्रेशन की पेशेंट हैं स्कूल के दोस्त और लड़कियां उसका मजाक उड़ाएंगी। मैंने अपने घर वालों की काफी बेइज्जती की है।
लेटर में लिखा- कार्रवाई पहले हो जाती तो आज मयंक जिंदा होता
बीते साल से आए प्रिंसिपल दिवाकर सिंह और वाइस प्रिंसिपल बीनिता सिंह छात्रों पर अत्याचार कर रहे हैं। छात्रों को मारने-पीटने और स्कूल से बाहर निकालने की धमकी दी जाती है। इसकी लगातार केंद्रीय विद्यालय संगठन और बाल संरक्षण आयोग से शिकायत की जा रही है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्कूल में प्रिंसिपल वाइस प्रिंसिपल कई टीचर्स समेत चपरासियों तक का बिहेवियर हिटलर की तरह है।
प्रिंसिपल ने 4 दिन पहले प्रार्थना सभा में बच्चों को 6 महीने के लिए सस्पेंड करने की धमकी दी थी। हमारे भाई मयंक को प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल ने 25-30 थप्पड़ मारकर सबके सामने पिता की बेइज्जती की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्कूल संगठन अगर पहले ही इन लोगों पर कार्रवाई करता तो इतनी बड़ी घटना न होने पाती। आज मयंक जिंदा होता।
ये डिमांड लेटर में की गईं
प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को पदमुक्त किया जाए।
प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को जेल भेजा जाए।
मृतक छात्र मयंक को न्याय मिले।
प्रिंसिपल समेत स्टाफ के मानसिक स्तर की जांच हो।