उत्तर प्रदेश का अमेठी जिला वैसे तो वीआईपी जिलो की श्रेणी में आता है लेकिन वीआईपी जिला सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह कर रह गया है। यहां जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अमेठी जिले की तिलोई तहसील की ही बात करें तो यहां सड़कों का हाल बद से बदतर है। चाहे पूर्व मंत्री रहें हो या मौजूदा राज्यमंत्री इन सड़कों पर किसी भी नेता की नजरें इनायत नही हुई। जिसका खामीयाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
तिलोई तहसील क्षेत्र का मामला
अमेठी जिले की तिलोई तहसील क्षेत्र में बनी सड़के हल्की बारिश में ही तालाब में तब्दील हो जाती है। जिससे राहगीरों व आम जनता का पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। चाहे अलाईपुर से समरौता मार्ग अलाईपुर से पीढ़ी मार्ग मोहनगंज से फुर्सतगंज मार्ग मोहनगंज से आशापुर मार्ग हो। यह सड़के सालो से जर्जर हालत में पड़ी हुई है। इन मार्गो से रोज सैकड़ों वाहन अपनी जान जोखिम में डाल चलते है। अभी बरसात के मौसम की शुरुआत है और ये सड़के तालाब में तब्दील हो चुकी है। जब मानसून पूरी तरह से आ जायेगा तब इन सड़कों का हाल क्या होगा यह गंभीर विषय है।
सड़कों पर पानी जमा होने से बनी रहती है दुर्घटना की संभावना
सड़कों पर पानी जमा हो जाने के कारण इस रास्ते से गुजरने वाले लोगों को सड़क का अंदाज नहीं हो पाता जिसके कारण रोज लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। कई बार स्थानीय लोगों द्वारा स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना दी गई मगर अभी तक किसी तरह की पहल नहीं हुई है। जिसके कारण पिछले लगभग 3 से 5 सालों से इसी जर्जर सड़क पर लोगों को आवागमन करना पड़ रहा है। यही कारण है कि कभी स्कूली बच्चे तो कभी बुजुर्ग तो कभी युवाओं को अपनी जान जोखिम में डालना पड़ रहा है।