पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सीपीईसी (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) को पटरी से उतारने और ग्वादर पोर्ट परियोजना को डूबाने के लिए खाड़ी देश द्वारा पैसे दिए गए। जेयूआई-एफ प्रमुख ने उत्तरी वजीरिस्तान जिले के आदिवासी बुजुर्गों के एक जिरगा में भाग लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि पीटीआई ने देश की अर्थव्यवस्था के पिलरों को तबाह कर दिया। उन्होंने कहा कि इसमें चीन का सीपीईसी भी था जो सिर्फ एक रोड नहीं बल्कि एक पूर्ण आर्थिक पैकेज है।
ग्वादर एशिया का दूसरा सबसे बड़ा गहरे समुद्र का बंदरगाह है। कुछ देश ग्वादर से खतरा महसूस कर रहे थे। यह व्यापार के लिए सबसे उपयोगी बंदरगाह होता। पीटीआई ने परियोजना को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। फजल ने कहा कि फाइनेंशियल टाइम्स के लेख ने पीटीआई का असली चेहरा उजागर कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अबराज समूह को दिए गए धन में खाड़ी राज्य का एक बड़ा हिस्सा भी शामिल है जिसका उद्देश्य ग्वादर बंदरगाह परियोजना को डूबाना था। उन्होंने कहा कि अब हम देख सकते हैं कि समुद्र की गहराई घटकर महज 11 फीट रह गई है।
फजल ने कहा कि पीडीएम ने सत्ता में आकर वास्तव में जिस चुनौती का सामना किया उसे स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि सरकार मंगलवार और बुधवार को देश की आर्थिक स्थिति के बारे में पीडीएम को विस्तृत जानकारी देगी और इस उद्देश्य के लिए मंत्रियों को बैठक में बुलाया गया था। उसके बाद आर्थिक स्थिरता के लिए एक रणनीति तैयार की जाएगी।