अखिल भारत हिंदू महासभा ने सावन के तीसरे सोमवार के दिन ताजमहल में जलाभिषेक की घोषण की। हिंदूवादी नेताओं के ताजमहल को तेजोमहल बताते हुए आज जल चढ़ाने का ऐलान किया था। पुलिस को इसकी सूचना मिली तो हिंदूवादी नेताओं के घर पहुंच गई। उन्हें हाउस अरेस्ट कर दिया। कई अन्य नेताओं की तलाश में पुलिस जुटी है।
हिंदूवादी नेता अवतार सिंह गिल गिरफ्तार
अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता संजय जाट ने सावन के तीसरे सोमवार यानी आज ताजमहल में जलाभिषेक करने की घोषणा की थी। यमुना किनारा रोड पर इकट्ठा होकर हिंदूवादियों ने ताजमहल जाने की बात कही।
रविवार रात से ही अखिल भारत हिंदू महासभा की मीना दिवाकर और जितेंद्र कुशवाह को पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर दिया। साथ ही सभी मुख्य नेताओं के यहां पुलिस निगरानी बढ़ा दी है। हिंदूवादी नेता अवतार सिंह गिल को सुबह गिरफ्तार कर लिया गया है।
संजय जाट ने कहा रात से पुलिस हिंदूवादी कार्यकर्ताओं को परेशान कर रखी है। हम सब कार्यकर्ता आज इकट्ठा होंगे और तेजोमहल में जाकर जलाभिषेक करेंगे।
पहले भी दर्ज हो चुका है मुकदमा
संजय जाट और मीना दिवाकर ने कोरोनाकाल के समय हंगामा किया गया था। मीना दिवाकर कांवड़ लेकर यमुना किनारा कार्यकर्ताओं के साथ चली थीं। पुरानी मंडी पर उन्हें पुलिस ने रोका था। काफी हंगामे के बाद कांवड़ लेकर हिंदूवादी राजेश्वर मंदिर गए थे। इसके बाद पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मीना दिवाकर पर ताजमहल में पूजा करने के आरोपों में भी मुकदमा दर्ज हो चुका है।
पहले भी ताजमहल को लेकर हुए हैं विवाद
ताजमहल को लेकर विवाद कोई पहली बार नहीं हुआ है। कई बार ताजमहल पर राजनीतिक बयानबाजी के चलते विवाद खडे़ हुए हैं।
ब्रह्मदंड और भगवा पहने होने पर एंट्री नहीं
मई 2022 में जगद्गुरू परमहंसाचार्य को भगवा कपड़े और धर्मदंड के चलते ताजमहल में प्रवेश न देने का मामला सामने आया। उनका कहना है कि भगवा पहने होने की वजह से उन्हें रोका गया। हालांकि अफसरों का दावा है कि जगद्गुरु को लोहे का ब्रह्मदंड अंदर ले जाने से मना किया गया था। विवाद बढ़ने पर अफसरों ने माफी भी मांग ली है।
रामनामी दुपट्टे पर मचा था बवाल
ताजमहल में रामनामी दुपट्टा ले जाने से रोकने पर भी विवाद हुए हैं। 24 अक्टूबर 2012 में वनवासी सत्संग समिति के सदस्य कोठी मीना बाजार में हो रही कथा में आए थे। वो लोग ताजमहल देखने पहुंचे। उनके रामनामी गेरुए दुपट्टों को उतरवा दिया गया।
इसके अलावा 2017 में दिल्ली में सुपर मॉडल इंटरनेशनल प्रतियोगिता में भाग लेने आईं 34 देश की मॉडल ताज देखने पहुंची थीं। इसमें दो मॉडल रामनामी दुपट्टा पहने थीं। इन दोनों मॉडल के दुपट्टे उतरवा दिए गए थे। इसको लेकर भी विवाद हुआ था।
भगवान कृष्ण के वेश में नहीं दी गई एंट्री
भगवान श्रीकृष्ण की वेशभूषा में आए एक व्यक्ति को एंट्री नहीं दी गई। जन्माष्टमी के त्योहार से 2 दिन पहले 29 अगस्त 2021 को पर्यटक ताजमहल पहुंचा था लेकिन उसे अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। पश्चिमी दरवाजे से उसे वापस लौटा दिया गया। पर्यटक ने कहा था कि अब हमें ताजमहल नहीं देखना है। उस समय अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ. वसंत कुमार स्वर्णकार ने कहा कि ताजमहल समेत ASI द्वारा संरक्षित किसी भी स्मारक में प्रमोशन संबंधी गतिविधियों की अनुमति नहीं है। व्यक्ति श्रीकृष्ण की वेशभूषा में ताजमहल में प्रवेश कर अपना प्रमोशन न करे इसीलिए उसे रोका गया।
बुकलेट से नाम हटाने पर हुई थी सियासत
2017 में पहली बार योगी सरकार बनने के बाद यूपी टूरिज्म की बुकलेट जारी की गई थी। बुकलेट में राज्य में विकास परियोजनाओं की लिस्ट में ताजमहल का नाम नहीं था। इसके बाद विपक्ष और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों ने सरकार को घेरा था। भाजपा नेता संगीत सोम ने सरकार के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि हम किस इतिहास की बात कर रहे हैं जिस इंसान ने ताजमहल बनवाया था वो हिंदुओं को खत्म करना चाहता था। अगर यही इतिहास है तो यह बहुत दुखद है और हम इतिहास बदल डालेंगे। इसके बाद सपा नेता आजम खान ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार ताजमहल को तुड़वाने की पहल करती है वो अपना समर्थन देंगे।