सीतापुर के तराई इलाको में अब शारदा और घाघरा नदियां अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है। यहां घाघरा अपने खतरे के निशान से महज 15 सेंटीमीटर दूर ही बह रही है। लगातार जलस्तर में बढ़ोत्तरी होता देख इलाके के ग्रामीण डरे हुए है। वे नावों के सहारे पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर निकलने लगे है। जिला प्रशासन ने भी बाढ़ से निपटने के लिए बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट कर दिया और नदियों के किनारे बेस गांवों में जाकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। अलर्ट जारी होते ही ग्रामीण पलायन को अब मजबूर है।
15 सेंटीमीटर दूर बह रही नदी
जनपद की तीन तहसीलें बिसवां लहरपुर और महमूदाबाद प्रतिवर्ष बाढ़ की चपेट में आती है। यहां के सैकड़ों गांव पानी से जलमग्न हो जाते है। इस बार भी शारदा नदी का रिकॉर्ड जलस्तर पिछले दो दिनों की अपेक्षा 12 से 15 सेंटीमीटर बढ़ा है और मीटरगेज के मुताबिक नदियों का जलस्तर 118.64 पहुंच गया है।
प्रशासन ने ग्रामीणों को जारी किया अलर्ट
लहरपुर के ग्राम परेवा निवासी सुरेश और राजेश का कहना है कि उनका घर नदी के किनारे ही बसा है और वह पानी बढ़ते ही जिला प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। जिला प्रशासन ने मुताबिक नदियों के जलस्तर में राजेन्द्र इंद्रपाल और अवधेश के मकान घाघरा नदी में समा गए है और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
जिलाधिकारी अनुज सिंह ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों में बाढ़ चौकियों को अलर्ट मोड़ पर रखा है। ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकालने का जिम्मा दिया है। डीएम का कहना है कि बाढ़ की विभीषका से पहले से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाएगा।