अमेरिका और चीन एक यूरोप तो दूसरा एशिया की महाशक्ति हैं। ताइवान तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई है। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच पांचवी बार टेलीफोनिक वार्ता हुई है। चीन अमिरिका संबंधों और हित के मुद्दे पर सीधे शब्दों में बात की। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने दुनिया की खराब होती अर्थव्यवस्था और फैलती अशांति के मद्देनजर अहम बातचीत की है। ये मीटिंग 2 घंटे 17 मिनट तक चली। जिनपिंग ने बाइडेन को एक तरह से सीधी धमकी दे डाली। जिनपिंग ने कहा कि मैं आपसे सिर्फ इतना कहूंगा कि जो लोग आग से खेलने की कोशिश करते हैं वो जल जाते हैं।
चीनी समकक्ष से बातचीत में बाइडेन ने कहा कि वैश्विक समृद्धि के लिए शांति जरूरी है। वहीं चीन के राष्ट्रपति ने ताइवान पर किसी भी तरह से दखल बर्दाश्त नहीं किये जाने की बात कही है। जिनपिंग ने कहा कि आज दुनिया मे अशांति और परिवर्तन के रुझान विकसित हो रहे हैं। परिवर्तन और अव्यवस्था का सामना करते हैं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय उम्मीद करते हैं कि चीन और अमेरिका विश्व शांति और सुरक्षा को बनाये रखने के साथ वैश्विक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
चीन ने अमेरिका को दो टूक कहा कि ताइवान की स्वतंत्रता को लेकर वो अलगाववादी कदमों को बर्दाश्त नहीं करेगा। चीन की तरफ से ये दावा किया गया है कि अमेरिका ने कहा है कि उसकी चीन नीति न ही बदली है और न बदलेगी। अमेरिका ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता। हालांकि अमेरिका ने इस बाबत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।