गंभीर नकदी संकट से गुजर रहे चीनी बैंक निकासी फ्रीज करने से 4 लाख ग्राहक हुए प्रभावित

गंभीर नकदी संकट से गुजर रहे चीनी बैंक निकासी फ्रीज करने से 4 लाख ग्राहक हुए प्रभावित

इस समय चीन के बैंक एक बुरे दौर से गुजर रहा है जिसको देखते हुए शहर के कई स्थानीय बैंकों ने पैसों की निकासी को फ्रीज कर दिया है। चीन ने ऐसा गंभीर नकदी सकंट से बचने के लिए किया है लेकिन इससे अब बैंक के ग्राहकों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा रहा है। बता दें कि ग्राहकों ने अपने पैसे बैंकों में जमा कराए थे लेकिन अब वह इसे चाह कर भी निकाल नहीं पा रहे हैं। इस समय चीन के बैकों की हलात बहुत खराब चल रही है । इसका कारण देश में कोरोना महामारी के मामले बढ़ना और रियल एस्टेट में मंदी आना है। इससे बैंकों को काफी नुकसान पहुंचा है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इस समय वित्तीय संकट का सामना कर रही है।


चीन के शहर हेनान और अनहुई प्रांतों के स्थानीय बैकों से ग्राहक अपना पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं और इसी को देखते हुए लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। प्रदर्शन को शांत करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने काफी कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हो पाया। हेनान शहर में प्रदर्शनकारियों की कोरोना स्थिति को एक अनिवार्य फोन ऐप पर लाल रंग में सेट कर दिया है जिसके कारण उन्हें घर के अंदर ही रहने पर मजबूर होना पड़ा रहा है। सरकार के समर्थित गुंडें प्रदर्शनकारियों पर जमकर हमला भी कर रहे है जिसकी वीडियो भी सामने आ चुकी है। 


400000 बैंक ग्राहक हुए प्रभावित


बता दें कि बैकों द्वारा निकासी फ्रीज कराने से लगभग 400000 बैंक ग्राहक प्रभावित हुए हैं और इसमें 6 अरब डॉलर की राशि जमा है। बैंक पहले ही कोरोना महामारी से पैदा हुई आर्थिक मंदी झेल रहा है। हालांकि सरकार ने ग्राहकों को छोटी निकासी लेने निकालने की अनुमति दे दी है। माना जाता है कि चीनी जीडीपी का एक तिहाई हिस्सा रियल एस्टेट और इससे जुड़े उद्योग 17.5 ट्रिलियन डॉलर हैं। ज्यादातर चीन के मध्यम वर्ग के लोग निवेश के लिए इसको ही प्रमुख साधन मानते है। यहां तक की चीन बैकों के कुल कर्ज का एक तिहाई हिस्सा इसी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। दिग्गज प्रॉपर्टी डेवलपर एवरग्रांडे ग्रुप को लोन डिफॉल्ट के कारण बड़ा झटका लगा और इससे कंपनी के शेयर में गिरावट आई थी।


चीन की  जीरो टॉलरेंस पॉलिसी


चीन की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के कारण बिक्री पर बुरी तरह गिरावट आई है। रियल  एस्टेट कंपनियों ने समय पर परियोजनाओं का काम पूरा नहीं किया वहीं खरीदारों ने निर्माण में देरी की जिससे लोन का पुनर्भुगतान रोका गया। अगर अधिक लोग एक साथ अचानक लोन का पुनर्भुगतान करना बंद कर देते हैं तो इससे डेवलपर्स के लिए नकदी प्रवाह खराब हो सकता है और प्रोजेक्ट में ज्यादा देरी हो सकती है।

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