8 साल में पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने खोए 19 बाघ

8 साल में पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने खोए 19 बाघ

आज यानी 29 जुलाई को देशभर में विश्व बाघ दिवस मनाया जा रहा है। देश के सभी टाइगर रिजर्व बाघों के संरक्षण व बाघों की संख्या में बढ़ोतरी का दावा भले करते हों लेकिन हकीकत ये भी है कि पिछले 8 साल में अकेले पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने ही 19 बाघ खो दिये हैं। ऐसे से अभी भी बाघ संरक्षण के दावे सिर्फ जमीन खरे उतरते नहीं दिख रहे हैं।


यूं तो पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अफसर बाघ संरक्षण को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नजर आते हैं लेकिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व के वर्तमान डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल के कार्यकाल में ही कुल 11 बाघों के शव कभी नहरों तो कभी जंगल के किनारे मिलते रहे हैं। बड़ी संख्या में टाइगरों की मौत PTR प्रशासन की लापरवाही को साफ उजागर कर रही है।


पढ़िये PTR में बाघिन की खौफनाक मौत की कहानी


पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वन्य जीव-मानव संघर्ष के चलते अबतक के इतिहास की सबसे दर्दनाक मौत भी एक बाघिन को यहीं पर मिली।


दरअसल पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे गांव मटेहना में 24 जुलाई 2019 को जंगल के पास एक बाघिन ने एक गांव वाले पर हमला कर दिया था। ग्रामीण को बचाने पहुंचे नौ लोगों पर बाघिन ने हमला बोल दिया था। उसी दिन घात लगाकर ग्रामीणों ने बाघिन को घेर लिया था और लाठियों से पीट-पीटकर बाघिन को मार डाला था।


चेतना रैली में दिया संरक्षण का संदेश


बाघों के संरक्षण को लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने शुक्रवार को वन्य जीव संघर्ष रोकने व बाघ संरक्षण का संदेश देते हुए चेतना रैली निकाली गई। रैली में टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने साइकिल चलाकर बाघों के संरक्षण को लेकर आसपास के गांव के लोगों काे जागरूक किया।

Leave a Reply

Required fields are marked *