यूपी में अब सरकारी स्कूल के टीचर टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस मरीजों को गोद लेंगे। प्रतापगढ़ में एक आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि टीचर्स को टीबी मरीजों का इलाज पूरा होने तक उनकी देखभाल करनी है। इसके लिए बीएसए कार्यालय की तरफ से खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज कर प्राथमिक पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों की लिस्ट बना कर भेजने का आदेश दिया गया है।
डीएम ने मीटिंग में दिया था आदेश
प्रतापगढ़ के डीएम डॉ नितिन बंसल ने टीबी मरीजों की समीक्षा बैठक में यह आदेश दिया था कि अब जिले में कार्यरत टीचर टीबी मरीजों को गोद लेंगे। इसी आदेश के क्रम में 27 जुलाई को सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है।
टीबी सुपरवाइजर को देनी है लिस्ट
बीएसए के आदेश में साफ लिखा है कि टीबी मरीजों को गोद लेने की वाले टीचर्स की लिस्ट जल्द से जल्द तैयार कर ब्लॉक स्तर पर टीबी सुपरवाइजर को उपलब्ध करा दी जाए। साथ ही एक ऐक्सल शीट बना कर बीएसए ऑफिस को भी ईमेल पर भेज दी जाए।
आदेश में बताया गया है कि टीबी सुपरवाइजर को भेजी गई शीट में टीचर का नाम उसका पद विद्यालय का नाम विकास खण्ड और मोबाइल नंबर के साथ दिया जाए।
बीएसए बोले-डीएम के आदेश के बाद जारी किया आदेश
प्रतापगढ़ बीएसए भूपेंद्र सिंह का कहना है कि यह आदेश गुरुवार को मेरे द्वारा जारी किया गया है। इसके लिए डीएम साहब की तरफ से आदेश आया था। सभी टीचरों की लिस्ट बना कर भेजी जाए। जिन्हें टीबी मरीजों की मॉनीटरिंग करनी है।
यूपी में टीबी मरीजों को गोद लेने का जारी है अभियान
यूपी में टीबी के रोग को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से अधिकारी और कर्मचारियों को टीबी मरीज को गोद लेने का अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान यूपी में बीते 24 मार्च 2022 वर्ल्ड टीबी डे पर शुरू किया गया है। अभी तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के पास इसकी जिम्मेदारी थी। अब प्रतापगढ़ में टीचर्स को भी यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कांवड़ियों की सेवा में लगाई गई थी टीचर्स की ड्यूटी
इससे पहले लखीमपुर के गोला तहसील में सरकारी टीचर्स की ड्यूटी कांवड़ियों की सेवा के लिए लगाई गई थी। दरअसल लखीमपुर के गोला गोकर्णनाथ को छोटी काशी के रूप में जाना जाता है। हर सोमवार वहां काफी भीड़ होती है। यही वजह है वहां के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में सावन के हर सोमवार को छुट्टी रहती है। यहां 6 जुलाई को एसडीएम का आदेश आया कि यहां टीचर्स कांवड़ियों की सेवा करेंगे। हालांकि मामला सामने आने पर अधिकारियों ने कहा कि यह सेवा स्वैछिक होगी।
2995 टीबी रोगी हैं जिले में
प्रतापगढ़ जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ आरपी गिरी ने बताया कि शासन के आदेश के क्रम में जिले के परिषदीय विद्यालय के शिक्षकों द्वारा मरीजों को गोद लेकर उनको नियमित देखभाल व इलाज की जिम्मेदारी दी गई है। यह टीचर्स उन मरीजों की रोजाना मॉनिटरिंग करेंगे। जब तक वह ठीक नहीं हो जाते हैं उनके खाने पीने और उनको रोजाना हेल्दी डाइट गुड़ चना दलियां मूंगफली इत्यादि मिल रहा है या नहीं यह देखेंगे। उन्होंने बताया कि जिले में 2995 टीबी रोगियों का इलाज अभी चल रहा है। ऐसे में अभी सिर्फ इतने ही टीचर्स इन टीबी मरीजों को गोद लेंगे।