सावन के पवित्र माह में लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवड़िये भोलेनाथ की भक्ति में डूबकर पवित्र कांवड में जल लेकर भगवान शिव पर चढ़ाने जा रहे हैं। सभी प्रसिद्ध व ऐतिहासिक शिव मंदिरों में इनकी भारी भीड़ पहुंच रही है। उत्तराखंड के हरिद्वार में ही लाखों शिवभक्त कांवड़िये पहुंच रहे हैं जिससे अद्भुत कीर्तिमान बन रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार तथा उत्तराखंड की सरकारों की ओर से कांवड़ यात्रा को ध्यान में रखते हुए अति विशिष्ट प्रबंध किये गये हैं लेकिन यह भीड़ इतनी अधिक है कि यह भी कम लग रहे हैं। वर्ष 2017 से ही योगी अदियानाथ की सरकार कांवड़ यात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान रख रही है और उनकी सुविधा के लिए व्यस्थाएं करती है। उनके भक्ति भाव के सम्मान के लिए उन पर पुष्पवर्षा भी की जाती रही है जो इस बार उत्तराखंड में भी हो रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं मेरठ जिले में पुरा महादेव से लेकर मुजफ्फरनगर तक हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा की। आस्था के सम्मान के इन पुष्पों से वातवारवण सुगंधित और धर्ममय हो गया। एक हेलीकाप्टर से कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा हुयी और दूसरे हेलीकाप्टर में बैठे मुख्यममंत्री योगी आदित्यनाथ हाथ हिलाकर शिवभक्तों का अभिवादन स्वीकार करते रहे। यह नयनाभिराम दृश्य छद्म धर्म निरपेक्ष समूहों तथा असामाजिक तत्वों को रास नहीं आ रहा है। यही असामाजिक तत्व प्रदेश में अशांति का वातावरण पैदा कर समाज में नफरत की आग को बढ़ावा देने की साजिशें रच रहे हैं।
सावन के पवित्र माह में उत्तर प्रदेश में हिंदू समाज को बदनाम करने तथा वातवारण को अशांत करने के लिए तथाकथित जिहादी व उपद्रवी तत्व नित नये प्रयोग कर रहे हैं। यह तो भगवान शिव की कृपा और प्रदेश पुलिस की चुस्ती का परिणाम है कि अभी तक कोई बड़ी वारदात नहीं हुयी है लेकिन बिजनौर से लेकर संभल तक जो घटनाएँ हो रही हैं वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण व चिंता का विषय हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर मेरठ और गोरखपुर तक जहां कुछ शरारती तत्त्व सार्वजनिक रूप से नमाज अदा कर माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं वहीं बिजनौर से जो मामला प्रकाश में आया है वह बहुत ही गम्भीर है। समाचार है कि बिजनौर में भगवा रांग का साफा पहन कर दो भाईयों ने शेरकोट में बाबा जलाल शाह और गांव धांलियावाला में भूरेशाह की मजार में तोड़फोड़ करने की कोशिश की। दोनों आरोपियों की पहचान मोहम्मद कामिल और मोहम्मद आदिल के रूप में हुई है। दोनों से ही पूछताछ जारी है। अभी तक की जाँच में पता चला है कि यह दोनों कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों की पोशाक में तोड़फोड़ कर माहौल बिगाड़ना चाहते थे। इन आरोपियों के घर वालों का कहना है कि यह लोग मानसिक रूप से बीमार हैं लेकिन पता चल रहा है कि इन लोगों का अरब देशों से सम्बन्ध है यह दोनों ही अरब देशों की कई बार यात्रा कर चुके हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद अब प्रदेश की सभी सुरक्षा और खुफिया एजेसियां और अधिक सतर्क हो गयी हैं तथा बिजनौर कांड की जांच को अब एनआईए की टीमें भी आ गयी हैं।
यह तो भगवान शिव की कृपा रही कि यह षड्यंत्र समय रहते खुल गया नहीं तो यह लोग इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया से लेकर विदेशों तक भेज देते और पूरा हिंदू समाज बदनाम किया जाता। पूरी दुनिया में हिंदू आतंकवाद का तमाशा खड़ा किया जाता और कहा जाता कि भारत में अल्पसंख्यक खतरे में है। जगह-जगह सेकुलरवादी दलों के नेता धरना प्रदर्शन करने लग जाते और तथाकथित वामपंथी गैंग ट्वीट पर ट्वीट कर प्रदेश सरकार की छवि को खराब करने में जुट जाते।
मुरादाबाद जिले में मुस्लिम महिलाओं ने बीच सड़क पर चारपाई लगाकर कांवड़ियों का रास्ता रोक दिया। काफी कहासुनी होने के बाद पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप से मामला शांत हो पाया। सहारनपुर हाथरस और संभल जिले में भी कांवड़ यात्रा पर मुस्लिम समाज की ओर से पत्थर फेंके गये जिसके कारण तनाव उत्पन्न हुआ। यह सभी वारदात उस समय हो रही हैं जब प्रदेश पुलिस सतर्क है। दूसरी तरफ कुछ शरारती तत्व सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़कर भी प्रदेश का वातावरण खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। लखनऊ के लुलु माल में नमाज पढ़ने के बाद मेरठ के भी एस2एस कांप्लेक्स में नमाज पढ़ी गई। मेरठ के मॉल के वीडियो के सोशल मीडिया में वायरल हो जाने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और बाद में विरोध स्वरूप हनुमान चालीस पढ़ने वाले तीन लोगों को हिरासत में ले लिया जबकि नमाज़ पढ़ने वालों की अभी तक पहचान व खोज जारी है।
अभी कुछ दिन पहले ही गोरखपुर में आईएएस अधिकारी के घर के सामने एक मुस्लिम द्वारा नमाज पढ़ी गई जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में जारी किया गया। गोरखपुर की इस घटना का वीडियो तो एक राहगीर ने बनाया और वो वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। इस वीडियो के सामने आने के बाद एसपी सिटी ने कार्रवाई की बात कही है। राजधनी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर भी नमाज पढ़े जाने का एक वीडियो वायरल हुआ है। समझ में नहीं आता कि प्रदेश में इतनी बहुतायत में मस्जिदों के बाद भी इधर उधर नमाज़ क्यों पढ़ी जा रही है?
इसी प्रकार कुछ शरारती तत्व प्रदेश का वातावरण खराब करने के लिए धार्मिक स्थलों के सामने अपवित्र चीजें भी लगातार फेंक कर भाग रहे हैं। तात्पर्य यह है कि आजकल असामाजिक तत्व कई तरीकों से प्रदेश का वातावरण खराब करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हैं और इन्हें तथाकथित धर्म निरपेक्ष दलों के नेताओं का संरक्षण भी प्राप्त है। टीवी चैनलों की बहसों में सभी वामपंथी और सेकुलर दलों के प्रवक्ता इन घटनाओं की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व प्रशासन पर मढ़कर अपराधी तत्वों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं और सभी घटनाओं के लिए परोक्ष रूप से योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व वाली सरकार व कांवड़ियों को ही जिम्मेदार बता रहे हैं।
एक मुस्लिम स्कॉलर टीवी चैनल पर कांवड़ियों को दी जा रही सुविधाओं और उन पर की जा रही पुष्पवर्षा की कड़ी आलोचना कर रहा था और संविधान विरोधी बताकर योगी सरकार की छवि को खराब करने का प्रयास कर रहा था लेकिन जब पुराने मुख्यमंत्री रोजा इफ्तार करते थे तो इन्हें बड़ा आनंद आता था। दरअसल इन झूठे धर्मनिरपेक्ष लोगों को लग रहा है कि यह कांवड़ यात्री भाजपा का वोट बैंक है जबकि वास्तविकता यह है कि यह सभी दल कांवड़ यात्रियों को हीनभवना से देखते थे और इनके लिये कभी किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं करते थे। यह प्रदेशवासियों के लिए बेहद संतोष की बात है कि आज प्रदेश में योगी जी के नेतृत्व में एक मजबूत सरकार चल रही है अगर यह सरकार नहीं होती तो आज बिजनौर जैसी घटनाओं के लिए हिंदू समाज को ही बदनाम और प्रताड़ित किया जाता। अतः हिंदू समाज के लिए यह जागने का समय है ताकि कहीं कोई अनर्थ न हो।