भारत ने आज से इंटरनेट की पांचवीं पीढ़ी की तरफ कदम बढ़ा दिया है दूरसंचार विभाग (डॉट) की देखरेख में देश की दिग्गज दूरसंचार कंपनियां 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगा रहीं हैं.
सरकार ने देश में 5जी नेटवर्क की सेवाएं शुरू करने के लिए आज मंगलवार को स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू की है. यह प्रक्रिया सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी. नीलामी में रिलायंस जियो भारती एयरटेल वोडाफोन आइडिया और नए खिलाड़ी अडानी डाटा नेटवर्क ने हिस्सा लिया है. सरकार ने 5जी नेटवर्क के लिए 72 हजार मेगाहर्ट्ज के एयरवेव्स की नीलामी शुरू की है. कुल स्पेक्ट्रम की नीलामी के जरिये सरकार को 4.3 लाख करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है. पहली नीलामी से सरकार को करीब 1 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है
साल के आखिर तक मिलने लगेगी सुविधा
नीलामी में शामिल भारती एयरटेल के मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO) रणदीप सेखों ने बताया कि आज स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सबकुछ सही रहा तो साल 2022 के आखिर तक या 2023 की शुरुआत में 5जी सुविधा शुरू हो जाएगी. हमारी कोशिश है कि स्पेक्ट्रम मिलने के 2 से 4 महीने के भीतर 5जी सेवा ग्राहकों तक पहुंचा देंगे.
10 गुना बढ़ जाएगी इंटरनेट स्पीड
दूरसंचार कंपनियां ग्राहकों तक 5जी नेटवर्क पहुंचाने के लिए मिड और हाई बैंड के स्पेक्ट्रम खरीद रही हैं. ये बैंड इंटरनेट स्पीड को 4जी की मौजूदा स्पीड के मुकाबले 10 गुना तक बढ़ाने की क्षमता रखते हैं. मिड रेंज वाले स्पेक्ट्रम 3.3-3.67 गीगाहर्ट्ज (Ghz) के होंगे जबकि हाई बैंड में 26 गीगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम शामिल हैं. कंपनियों को यह स्पेक्ट्रम 20 साल के लिए दिया जाएगा.
किस कंपनी का शुरुआती निवेश ज्यादा
देश में 5जी नेटवर्क शुरू करने के लिए वैसे तो सभी कंपनियां होड़ में लगी हैं लेकिन रिलायंस जियो ने इसके लिए सबसे ज्यादा रकम जमा कराई है. कंपनी ने नीलामी से पहले ही 14 हजार करोड़ रुपये डॉट के पास जमा करा दिए हैं. दूसरे नंबर पर भारती एयरटेल आती है जिसने 5500 करोड़ रुपये जमा कराए हैं. इसके बाद वोडा आइडिया ने 2200 करोड़ और अडानी नेटवर्क ने 100 करोड़ रुपये जमा कराए हैं.
भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा कंपनी 5जी नेटवर्क की सुविधा शुरू करने की पूरी तैयारी में है. इस ताकतवर नेटवर्क के जरिये देश की डिजिटल इकॉनमी को बढ़ाने में मदद मिलेगी.