नयी दिल्ली। दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की क्षेत्रीय निदेशक ने सदस्य देशों से मंकीपॉक्स से निपटने के लिए सतर्कता बढ़ाने और जन स्वास्थ्य से जुड़े कदमों को मजबूत करने का रविवार को आह्वान किया। क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि मंकीपॉक्स तेजी से और कई ऐसे देशों में फैल रहा है जहां पहले इसके मामले सामने नहीं आए थे जो बड़ी चिंता का कारण है। उन्होंने कहा संक्रमण के मामले ज्यादातर उन पुरुषों में पाए गए हैं जिन्होंने पुरुषों के साथ संबंध बनाए। ऐसे में उस आबादी पर केंद्रित प्रयास करके बीमारी को और फैलने से रोका जा सकता है, जिनमें संक्रमण का खतरा अधिक है।
वैश्विक स्तर पर 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16000 से अधिक मामले सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आए हैं जिनमें से तीन भारत में और एक थाईलैंड में पाया गया है। क्षेत्रीय निदेशक ने कहा महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे प्रयास और कदम संवेदनशील तथा भेदभाव रहित होने चाहिए। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ए. घेब्रेयसस ने शनिवार को कहा कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार होना एक असाधारण हालात है और यह अब वैश्विक आपात स्थिति है।
डॉ सिंह ने कहा हालांकि वैश्विक स्तर पर और क्षेत्र में मंकीपॉक्स का जोखिम मध्यम है लेकिन इसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलने का खतरा वास्तविक है। इसके अलावा वायरस के बारे में अब भी कई बातों का पता नहीं चल पाया है। हमें मंकीपॉक्स को और फैलने से रोकने के लिए सतर्क रहने और तेजी से कदम उठाने को तैयार रहने की जरूरत है। मंकीपॉक्स संक्रमित जानवर के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से मनुष्यों में फैलता हैं। एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में यह संक्रमण संक्रमित की त्वचा और श्वास छोड़ते समय नाक या मुंह से निकलने वाली छोटी बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है।