मेरठ में प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना के सामने ही भाजपा नेताओं और अफसरों में बहसबाजी हो गई। बहस इतनी बढ़ी कि मामला अफसरों के तबादले और शिकायत तक आ पहुंचा। बाद में डीएम और राज्यमंत्री सोंमेंद्र तोमर ने बीचबचाव कर मामला शांत कराया।
हॉल में अंदर जाने को लेकर हुआ विवाद
मेरठ में शुक्रवार को प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना दौरे पर हैं। मंत्री सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक कर रहे थे। सर्किट हाउस में मंत्री से मिलने पहुंचे भाजपा युवा मोर्चा क्षेत्रीय कार्यसमिति के सदस्य राहुल विकल व कार्यकर्ता भी पहुंचे। कार्यकर्ता सर्किट हाउस के हॉल के बाहर खड़े होकर मंत्री का इंतजार कर रहे थे। बाहर धूप होने के कारण कार्यकर्ता हॉल में अंदर जाने लगे। तो ड्यूटी पर तैनात सीओ और एसडीएम ने कार्यकर्ताओं को अंदर नहीं जाने दिया। बाहर ही रहने को कहा। इसी बात पर कार्यकर्ताओं अफसरों में तनातनी हो गई। मामला शांत कराने खुद डीएम दीपक मीणा और राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर को बाहर आना पड़ा। मामले को शांत कराया।
अफसरों ने मुझसे बदत्तमीजी से बात की है
भाजपा नेता राहुल विकल ने कहा हम धूप से बचने अंदर हॉल में खड़ा होना चाहते थे। लेकिन सीओ एसडीएम ने गेट पर ही रोक दिया। एसडीएम सीओ बदत्तमीजी कर रहे थे। हम बाहर खड़े थे अंदर जा रहे थे। सीओ ने हमें कुर्सी पर बैठे बैठे ही बदत्तमीजी से बात की। यहां तक की सीओ ने अपनी नेम प्लेट जिस पर बृजेश सिंह लिखा था दिखाते हुए कहा कि इसे देख लो जो कर सकते हो कर लेना। हम मंत्री से इसकी शिकायत करेंगे। दोनों ने गलत भाषा का प्रयोग किया है।
अफसर अपने दिमाग से गलतफहमी निकाल दें
भाजपा नेता ने कहा हमारे साथ जो गलत व्यवहार हुआ है उसके लिए हम प्रदर्शन करेंगे। चुनिंदा अफसर हैं जो जनता को इस तरह के व्यवहार से परेशान कर रहे हैं सरकार को बदनाम करने का काम करते हैं। सीओ ने मुझे नेम प्लेट दिखाते हुए कहा जो बिगाड़ना हो बिगाड़ लेना। मेरठ शहर में ऐसे अफसर नहीं चाहिए न हम उन्हें यहां रहने देंगे अगर किसी अफसर के दिमाग में गलतफहमी है तो वो उसे निकालकर रखे 10 साल सीसीएसयू में एबीवीपी में राजनीति की है। अफसर सोच रहे कि मैं आम कार्यकर्ता हूं तो ये बात अपने दिमाग से निकाल दें। नेता ने कहा कि हम तबादला नहीं चाहते उसी अफसर से जनता के बीच जनता का अच्छा काम चाहते हैं। आपत्ति सीएम को जरुर कराएंगे। ये एसडीएम हैं भी या नहीं उनकी भी शिकायत करेंगे।