प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में 1000 के ऊपर कैदी बंद है। इनमें 1000 कैदी ऐसे है जो उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। जेल प्रशासन इन कैदियों की जिंदगी बदलने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। 50 के ऊपर कैदियों को नैनी को सेंट्रल जेल में बनी गौशाला में लगाया गया है। जो हर रोज 170 गौ वंश की सेवा करते है। इन गौ वंश से करीब 250 लीटर तक दूध निकलता है। जो जरूरतमंद कैदियों के साथ अन्य लोगों को दिया जाता है।
दूसरी तरफ बहुत से ऐसे बंदी हैं जो अचार बिस्कीट जैसे 77 प्रोडक्ट बनाने का हुनर सीख रहे हैं। इन प्रोडक्ट की बिक्री से होने वाली कमाई से जेल में बंद कैदियों के परिवार का भरण पोषण हो रहा है।
हत्या के बाद गौ सेवा से पश्चाताप
जेल में बंद कैदी ने सद्दाम ने बताया कि10 साल पहले अपने एक दोस्त की हत्या गुस्से में आकर कर दी थी मुझे उम्र कैद की सजा सुनायी गई है। यहां आने के बाद दुखी और निराश था। 8साल पहले मुझ से गौ सेवा करने के लिए कहा गया।
उन्होंने बताया मैं पिछले 8 सालों से गौ सेवा कर रहा हूं। इस सेवा- भाव से धीरे- धीरे मेरे में बदलाव आने लगा। मैं अल्लाह से दुआं करता हूं कि वो मेरे बुरे कार्यों के लिए मुझे माफ करें। इसीलिए गौ सेवा कर पश्चाताप कर रहा हूं ताकि जेल से निकलने के बाद एक नेक इंसान के तौर पर जिंदगी चल सके।
सद्दाम के अलावा हमीरपुर के रहने वाले कैदी राकेश चित्रकूट के ननकू पाल बांदा के लल्लू ननकू जैसे तमाम कैदियों का कहना है कि गाय की सेवा कर न सिर्फ वो गुनाह से तौबा कर रहे हैं उन्हें सुकून मिल रहा है बल्कि सेवा के बदले उनकी कमाई भी हो रही है। उनके दिन की शुरुआत गायों को चारा डालने से होती है फिर उन्हें नहलाने खिलाने और देखभाल का क्रम दिन भर चलता रहता है।
बंदी बोले जेल में मिले रोजगार से हो रहा परिवार का भरण-पोषण
नैनी जेल के अंदर बने कारखाने के बंदियों से बातचीत की तो ऐसे बंदी मिले जो संगीन अपराध में सजा काट रहे हैं। इन लोगों ने बताया कि जब वह जेल में आये तो उनके मन में निराशा थी। अपने किये अपराध को लेकर तो पश्चाताप था। साथ ही परिवार के भरण-पोषण को लेकर चिंता बढ़ गई थी। पर यहां जेल में मिले रोजगार से हुई आमदनी का पैसा हर महीने अपने घर वालों को ट्रांसफर कर देता हूं जिससे परिवार भूखों मरने से बच जा रहा है।
77 प्रकार के प्रोडक्ट बना रहे बंदी आउटलेट्स से हो रही बिक्री
नैनी सेंट्रल जेल में करीब 100 बंदी ऐसे हैं जिनके बनाए प्रोडक्ट किसी भी ब्रांडेड कंपनी से कम नहीं है। आउटलेट खुल जाने के बाद अब प्रोडक्ट की अधिक बिक्री की उम्मीद है। इन प्रोडक्ट से होने वाली आमदनी का 99% भाग बंदी के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। बंदी कल्याण एवं पुनर्वास सेवा सहकारी समिति लिमिटेड की ओर से बंदियों के बनाए गए 77 प्रोडक्ट को आउटलेट के माध्यम से पब्लिक को खरीदने के लिए उपलब्ध कराया गया है। जिसमे सोफा बेड लैपटाप टेबल दरी आचार बिस्कुट आदि प्रोडक्ट है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक बोले- कैदियों के जीवन को मिल रही नई दिशा
वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने बताया जेल में गौ शाला जो संचालित हो रही है उसे सेंट्रल जेल नैनी की बंदी कल्याण एवं पुनर्वास सहकारी समिति जो कि एक रजिस्टर्ड संस्था संचालन करती है। गौशाला के लिए कई बंदी स्वेच्छा से सेवा देते हैं। यह गौशाला जेल में बंद तमाम कैदियों के जीवन को नई दिशा तो दे ही रही है, साथ ही जेल में उनको रोजगार भी मिल रहा है।
इसके अलावा बंदियों के बनाये आउटलेट्स से करीब 77 प्रोडक्ट की भी बिक्री की जा रही है, इसकी आमदनी का एक हिस्सा बंदियों के खाते में ट्रांसफर किया जाता है, जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण ठीक ढंग से हो सके।