उत्तर प्रदेश में दो दिन से शीतलहर की वजह से सर्दी में इजाफा हो गया है. सुबह और शाम के समय अब अच्छी खासी ठंड पड़ने लगी हैं. सर्दी के साथ ही प्रदेश के कई जिलों में हवा प्रदूषण तेजी से बढ़ा है. धुंध और धुएं के गुबार से सुबह और शाम के समय आसमान में स्मॉग की चादर छाई हैं. कई जगहों पर प्रदूषण का स्तर 400 से 450 के बीच पहुंच गया है.
यूपी में सर्दी बढ़ने के साथ ही हवा भी जहरीली हो गई हैं, दिल्ली से सटे नोएडा, ग़ाज़ियाबाद और मेरठ के अलावा अब हापुड़ और बागपत जैसे जिलों में भी हवा में प्रदूषण का स्तर अब 400 से ऊपर चल रहा हैं. जो गंभीर श्रेणी में आता हैं और हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं. जबकि मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर जैसे जिलों की हवा भी बेहद खराब की श्रेणी में पहुँच गई हैं.
गाजियाबाद में 450 के पार एक्यूआई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक सबसे ज्यादा बुरा हाल गाजियाबाद जिले का है. यहां स्थित चार में तीन स्टेशनों पर जिले की हवा गंभीर श्रेणी में हैं. गाजियाबाद का लोनी इलाका तो सबसे प्रदूषित रिकॉर्ड किया गया है. यहां एक्यूआई 452 पहुंच गया, वहीं वसुंधरा में 413, संजय नगर में 410 और इंदिरापुरम में एक्यूआई 395 रहा.
गाजियाबाद के साथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा भी कम जहरीली नहीं है. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में मंगलवार सुबह एक्यूआई 449 दर्ज किया गया जबकि नोएडा के सेक्टर-116 में एक्यूआई 403, सेक्टर 125 में 375 एक्यूआई दर्ज किया गया. मेरठ के जयभीम नगर में एक्यूआई 414 और पल्लवपुरम में 404 रिकॉर्ड किया गया है.
यूपी के कई जिलों में हवा बेहद ख़राब
यूपी के बागपत में 416, हापुड़ में 411, बुलंदशहर में 346, मुजफ्फरनगर में 320 एक्यूआई रहा. राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां थोड़ी राहत है. लखनऊ के लाल बाग इलाके के छोड़कर बाकी सभी स्टेशनों पर वायु की गुणवत्ता मॉडरेट हैं. जबकि लाल बाग में हवा ख़राब श्रेणी में दर्ज की गई है.
हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने का असर अब लोगों के स्वास्थ्य पर देखने को मिल रहा हैं. अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं. वहीं लोगों को सिरदर्द, आंखों में जलन और खांसी जैसी समस्याएं हो रही हैं. डॉक्टरों ने जहरीली हवा में लोगों को सुबह की सैर करने से मना किया है.
मौसम विभाग के यूपी में आज भी कई जगहों पर शीतलहर का सिलसिला जारी रहेगा. जिससे आने वाले दिनों लोगों के कड़ाके की सर्दी का प्रकोप झेलना पड़ेगा. सर्दी बढ़ने के साथ प्रदूषण की समस्या और विकराल हो सकती है.
