पिछले साल जब भारतीय शतरंज खिलाड़ी डी. गुकेश ने सिंगापुर में वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीती थी, तो उन्होंने विनम्रता से कहा था “मैं विश्व चैम्पियन जरूर हूं, लेकिन अभी दुनिया का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी नहीं हूं।” अब लगभग एक साल बाद, गुकेश भारत में पहली बार अपने खिताब के साथ गोवा में होने वाले फिडे वर्ल्ड कप 2025 में हिस्सा लेने जा रहे हैं।
गौरतलब है कि इस साल गुकेश का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा है। उन्होंने साल की शुरुआत टाटा स्टील मास्टर्स टूर्नामेंट से की थी, जहां वे अपने देश के आर. प्रज्ञानानंदा से टाई-ब्रेक में पीछे रह गए। इसके बाद सुपरबेट क्लासिक रोमानिया में नौवां, नॉर्वे चेस में दूसरे स्थान पर, सिंकफील्ड कप में आठवें और फिडे ग्रैंड स्विस में निराशाजनक रूप से 41वें स्थान पर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यूरोपीय क्लब चैंपियनशिप में टॉप बोर्ड पर गोल्ड जीतकर अपनी क्षमता फिर से साबित की है।
मौजूद जानकारी के अनुसार, गुकेश ने इस साल कई अलग-अलग फॉर्मेट में खुद को आज़माने का प्रयास किया है चाहे वह क्लासिकल हो, रैपिड या ब्लिट्ज। लेकिन इस लगातार बदलाव ने उनके खेल में स्थिरता को प्रभावित किया है। उनके कोच ग्रेगॉर्ज गजेव्स्की के साथ पर्याप्त समय न मिलने की भी चर्चाएं रही हैं। बता दें कि गुकेश की ताकत पारंपरिक क्लासिकल शतरंज में रही है, लेकिन इस साल उन्होंने अपनी सीमाओं से बाहर जाकर तेज फॉर्मेट्स में सुधार की कोशिश की है। यही कारण है कि उनकी कुछ गलतियाँ और हारें विश्लेषकों को हैरान कर रही हैं।
हाल ही में समाप्त हुए क्लच चेस चैंपियनशिप में, जिसमें मैग्नस कार्लसन, फबियानो कारुआना और हिकारू नाकामुरा जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे, गुकेश चौथे स्थान पर रहे। हालांकि उन्होंने इस टूर्नामेंट को “वर्ल्ड कप से पहले सबसे अच्छा अभ्यास” बताया है। अब जब वह गोवा में घरेलू दर्शकों के सामने उतरेंगे, तो उनसे अपेक्षाएं और भी बढ़ गई हैं। 19 वर्षीय यह चैंपियन अब न सिर्फ खिताब बचाने बल्कि दुनिया का “सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी” बनने की दिशा में एक नया कदम बढ़ाने जा रहे हैं।
अगर गुकेश को सच में वह मुकाम हासिल करना है जिसकी उन्होंने बात की थी, तो उन्हें ग्रैंड स्विस जैसी गलतियों से बचना होगा और निचले रेटिंग वाले खिलाड़ियों के खिलाफ जीत सुनिश्चित करनी होगी।
भारत के प्रशंसक अब उत्सुकता से देख रहे हैं कि क्या यह युवा चैंपियन गोवा में अपने उतार-चढ़ाव भरे साल का अंत एक यादगार जीत से कर पाएंगे या नहीं लेकिन इतना तय है कि उनकी हर चाल पर अब दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं।
