भिक्षावृत्ति हमारे समाज की एक गंभीर समस्या है। लेकिन कई बार परिस्थितियां इतना मजबूर कर देती हैं कि इंसान इसके लिए मजबूर हो जाता है। हालांकि कई लोगों ने भीख मांगना धंधा या पेशा बना लिया है। हमारे देश में भीख मांगना एक व्यवसाय के रूप में भी विकसित हो चुका है। बिहार में भिक्षावृत्ति को खत्म करने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने सीएम भिक्षावृत्ति निवारण योजना शुरू की है। इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य भिक्षावृत्ति का उन्मूलन और पुनर्वास करना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते कुछ सालों में हजारों भिखारियों की जिंदगी को बदलने का काम किया है, जोकि पहले भीख मांगकर अपना जीवन यापन करते थे, वह लोग आज के समय में निर्भर हो गए हैं।
बता दें कि नीतीश सरकार की यह योजना उन लोगों को समर्पित है, जोकि भिक्षावृत्ति पर निर्भर हैं। जो लोग अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए भीख मांगने का काम करते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग की तरफ से चलाई जा रही सीएम भिक्षावृत्ति निवारण योजना के कारण राज्य के 9,226 भिखारियों को इस योजना का लाभ मिला है। इसके अलावा राज्य सरकार ने 1,873 भिक्षुओं को रोजगार देने का काम किया है। यह योजना भिखारियों को स्वरोजगार से भी जोड़ने का काम कर रही है। इस योजना के तहत भिक्षावृत्ति पर निर्भर बुजुर्ग और अशक्त भिखारियों के लिए भिक्षुक पुनर्वास गृह की भी व्यवस्था की गई है।
भिक्षावृत्ति पर निर्भर भिक्षुकों को स्वरोजगार खड़ा करने के लिए सरकार की ओर से 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है। साथ ही उनको रोजगार, उच्च शिक्षा और पुर्नवास जैसे कई लाभ दिए जाते हैं। यह योजना भिक्षुकों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उनको सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना में भिक्षुकों को छोटे व्यवसाय के लिए 10 हजार रुपए की एकमुश्त राशि दी जाती है। साथ ही उनके आधार कार्ड बनवाने और बैंक अकाउंट खुलवाने में भी सहायता की जाती है। वहीं विधवा, वृद्ध या दिव्यांग भिक्षुओं को पेंशन भी मिलती है।
इस योजना का लाभ बिहार के मूल निवासी को मिलेगा। आवेदन करने वाले का परिवार भिक्षावृत्ति पर निर्भर होना चाहिए। हालांकि इसकी कोई आयु सीमा नहीं है, लेकिन बाल और वृद्ध भिक्षुकों के लिए विशेष प्रावधान हैं। योजना का लाभ लेने वाले आवेदक के पास आर्थिक स्थिति को दर्शाने वाला प्रमाण पत्र होना चाहिए। अगर कोई विकलांग है और गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा है, तो डॉक्टर का प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। भौतिक सत्यापन किए जाने के बाद ही योग्य भिक्षुकों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
