Bihar Elections: तेजस्वी का बड़ा दांव, सरकार बनी तो वक्फ कानून रद्द करेंगे, संविधान बचाने की लड़ाई!

Bihar Elections: तेजस्वी का बड़ा दांव, सरकार बनी तो वक्फ कानून रद्द करेंगे, संविधान बचाने की लड़ाई!

तेजस्वी यादव ने रविवार को सीमांचल क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो बिहार में लागू वक्फ (संशोधन) अधिनियम को तुरंत खत्म किया जाएगा. उन्होंने इसे संविधान और समानता के खिलाफ बताते हुए जनता से अपील की कि इस चुनाव को सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि संविधान और बहुलतावाद को बचाने की लड़ाई की तरह देखें. बता दें कि वे परनपुर, कोचा धामन, जोखीहाट और नरपतगंज में लगातार जनसभाएं कर रहे थे.

मौजूद जानकारी के अनुसार संसद ने यह वक्फ संशोधन अधिनियम इसी साल अप्रैल में पारित किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में इसकी कुछ धाराओं पर अंतरिम रोक लगाई थी जिनमें जिला प्रशासन को वक्फ संपत्तियों पर बड़े अधिकार देने और वक्फ बनाने के लिए कम से कम पांच साल के इस्लाम अभ्यास की शर्त शामिल थी. तेजस्वी ने कहा कि यह देश सभी धर्मों के लोगों का है और संविधान सबको समान अधिकार देता है.

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भाजपा और आरएसएस के लिए रास्ता बनाने का आरोप लगाया और कहा कि राजद ने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया. गौरतलब है कि तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार में पुलिस थानों और ब्लॉक कार्यालयों में भ्रष्टाचार चरम पर है और बिना रिश्वत कोई काम संभव नहीं हो रहा. साथ ही उन्होंने कहा कि सीमांचल को देश का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है और यहां के लिए अलग सीमांचल विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा.

तेजस्वी ने यह भी कहा कि अमित शाह ने उन्हें पटना में धमकी दी थी लेकिन जब लालू प्रसाद यादव किसी से नहीं डरे तो उनका बेटा भी डरने वाला नहीं है. मौजूद जानकारी के अनुसार तेजस्वी का दावा है कि उपमुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने साढ़े चार लाख संविदा शिक्षकों को नियमित कर कुल पांच लाख सरकारी नौकरियां दी थीं और आगे हर परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का संकल्प दोहराया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने योजनाओं की नकल कर पेंशन बढ़ाने और मुफ्त बिजली देने जैसे कदम सिर्फ चुनावी लालच में उठाए हैं जबकि उन्होंने 20 साल में जनहित की उपेक्षा की है.

उन्होंने लोगों से अपील की कि वे छोटी सौगातों के बजाय स्थायी रोजगार वाली सरकार चुनें और यह फैसला करें कि उन्हें परिवार में एक सरकारी नौकरी चाहिए या चुनावी समय में मिलने वाली दस हजार की रिश्वत जैसी लाभकारी योजनाएं चाहिए. कुल मिलाकर तेजस्वी यादव ने अपने भाषणों में रोजगार, भ्रष्टाचार, धार्मिक सौहार्द और संविधान बचाने के मुद्दों को केंद्र में रखकर जनता से समर्थन मांगा है.

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