उत्तरप्रदेश
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री सुभाष यदुवंश ने हरदोई जिले के बीजेपी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्वदेशी अपनाओ (Vocal for Local) और जीएसटी (माल एवं सेवा कर) सुधारों के ज़रिए देश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की जो दिशा निर्धारित की है, वह आधुनिक भारत के विकास में क्रांतिकारी साबित हो रही है। स्वदेशी अपनाओ आंदोलन ने स्थानीय उत्पादन और छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित कर उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा किया है। इसी कड़ी में 03 सितंबर को पीएम के नेतृत्व में 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में भारत के अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में जीएसटी सुधारों का सबसे बड़ा निर्णय लिया गया। जीएसटी कर सुधार के निर्णय ने कारोबार की प्रक्रिया को और सरल, पारदर्शी और टैक्स संरचना को प्रभावी बनाया, जिससे उद्योगों और आम जनता दोनों को पहले से और ज्यादा लाभ पहुंचा है।
जीएसटी के लागू होने के बाद बड़े सुधारों में 2025-26 की विस्तृत समीक्षा के अनुसार, सरकार ने कर दरों में परिष्कृत बदलाव किए ताकि अनावश्यक कर बोझ कम हो और घरेलू सामानों पर टैक्स अधिक सस्ती दरों पर हो। रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं जैसे खाद्य सामग्रियां, दवाएं, डेयरी उत्पाद, साबुन, तेल, और घरेलू उपकरणों के जीएसटी को कम कर 5% या उससे भी कम करने से ग्राहकों की क्रय शक्ति बढ़ी है। वहीं व्यवसायियों एवं व्यापारियों के वस्त्र एवं परिधान, जूते (1000 से कम), उर्वरक, फार्मा, वहीं सीमेंट निर्माण सामग्री, ट्रक, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और पैकेज फूड में 28% से 18% कर दिया गया। इससे 45 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। ताजा एसबीआई रिपोर्ट बताती है कि इस सुधार से लगभग भारतीय नागरिकों को 48000 करोड़ की संभावित बचत होने की उम्मीद है और घरेलू खपत में लगभग 1.98 लाख करोड़ की वृद्धि होने की उम्मीद है।
विभिन्न क्षेत्रों में एक देश एक कर की दिशा में हुए जीएसटी सुधार के सकारात्मक प्रभाव को आंकड़ों से प्रस्तुत करें तो:
1. विनिर्माण क्षेत्र: 2024-25 में विनिर्माण क्षेत्र में 9% की वृद्धि दर्ज हुई, जबकि 2019-20 में यह केवल 4.5% थी। टैक्स की आसान संरचना और कम दरों ने MSME और बड़े उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाई है। मल्टीपल टियर सिस्टम के सुधार से उत्पादों की लागत घटकर 7-10% तक कम हुई।
2. कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र: भारत के 70% लोगों की आय कृषि पर निर्भर है। खाद्य उत्पादों पर GST को 0-5% के बीच सीमित रखने से किसानों की आमदनी में 8% की वृद्धि दर्ज हुई। कृषि उपकरणों पर टैक्स राहत से किसानों की लागत घटकर 12% तक आई।
3. ई-कॉमर्स एवं रिटेल सेक्टर: GST की सरल रिटर्न नीति से डिजिटल कारोबार में 18% की बढ़ोतरी हुई, साथ ही छोटे विक्रेता भी टैक्स नेटवर्क से जुड़े। यह क्षेत्र 2023-24 में 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने लगा।
4. सेवा क्षेत्र: सेवा कर के अंतर्गत आते क्षेत्रों जैसे टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, और IT पर टैक्स दरों में सुधार से रोजगार में 7% की वृद्धि हुई है।
5. उपभोक्ता वस्त्र एवं वस्त्र उत्पादन सेक्टर: यहां GST में कमी से कीमतों में 10-12% तक की गिरावट हुई, जिससे स्थानीय कारीगरों और छोटे कारोबारियों को तेजी से बाजार में प्रवेश मिला।
कर सुधारों के साथ कई आसान सुविधाएं भी दी जैसे जीएसटी कानून, शून्य रेटेड आपूर्ति के कारण होने वाले रिफंड से संबंधित होने पर कुल रिफंड दावे का 90% प्रोविजिनल रिफंड सात दिन भीतर देकर व्यवसायियों को भरी राहत प्रदान करना है। इसका उद्देश्य नगदी प्रवाह संबंधी समस्याओं को कम करना है।
उल्टा कर सुधार जीएसटी में वह स्थिति है जब इनपुट (कच्चा माल) पर जीएसटी दर्शन उत्पाद (आउटपुट) की दर से ज्यादा होती है। इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट इकट्ठा होता है जिसका व्यवसाय पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाते और कैश फ्लो में समस्या हो जाती है 1 नवंबर 2025 से लागू जीएसटी सुधार में उल्टा कर में व्यवसायियों का रिफंड त्वरित गति से वापस किया जाएगा।
स्वदेशी अपनाओ आंदोलन के प्रभाव से भी घरेलू उत्पादों की मांग बढ़ी है। 2025 में घरेलू FMCG कंपनीओं का मार्केट शेयर 56% से बढ़कर 65% हो गया है। साथ ही मेक इन इंडिया के तहत निर्मित इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल उत्पादों का निर्यात भी 22% बढ़ा है। सरकार द्वारा स्वदेशी ब्रांडों को प्रमोट करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर विशेष छूट और सब्सिडी दी गई है, जिससे 20 लाख नए रोजगार सृजित हुए। भारत का रक्षा विनिर्माण वित्त वर्ष 2024 में 1.27 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जो वर्ष 2014-15 के 46429 करोड़ से 174% की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है। स्वदेश में विकसित तेजस लड़ाकू विमान ब्रह्मोस मिसाइल भारत के बढ़ते सफल रक्षा विनिर्माण क्षेत्र और उसकी सशक्त हुई रक्षा तैयारी को दर्शाता है।
इन सुधारों के कारण, कर संग्रह में भी संतुलन आया है। चालू वित्त वर्ष में GST संग्रह राजस्व ₹1.7 लाख करोड़ प्रति माह से ऊपर गया, जो पिछले साल की तुलना में 12% अधिक है। डिजिटल भुगतान और जीएसटी आधारित ई-इनवॉइसिंग ने कर वसूली में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाई है।
सरकार ने विवाद समाधान, एडवांस रिटर्न दाखिले, और कर पुनर्भुगतान की प्रक्रिया को डिजिटल कर प्रशासन के तहत सरल बनाया है, जिससे व्यापारियों की परेशानी कम हुई है। इसके साथ ही, GST परिषद ने निरंतर समीक्षा और क्षेत्रीय मांगों के अनुसार कर दरों को बराबर बनाए रखने के लिए पाबंदियां हटाईं हैं।
सुधारों का मुख्य हिस्सा पुराने चार स्तरीय जीएसटी 5%, 12%, 18%, 22% को सरल दो- कर प्रणाली में बदलना उद्देश्य था। नए कर में जरूरी सामान 5% और अन्य पर 18% कर लगेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का स्वदेशी अपनाओ आंदोलन और जीएसटी सुधार संयुक्त रूप से भारत को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करते हुए आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। इन पहलों से रोजगार, विनिर्माण, कृषि, सेवा, और खुदरा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आए हैं, जिससे भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहा है। पीएम का जीएसटी कर सुधार का निर्णय सुनिश्चित करता है कि देश न केवल आर्थिक दृष्टि से मज़बूत हो, बल्कि विदेशों पर निर्भरता कम करके मजबूत घरेलू बाजार भी विकसित करे।
प्रेस वार्ता में सांसद जयप्रकाश रावत जिला अध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन एमएलसी अशोक अग्रवाल जिला पंचायत अध्यक्ष प्रेमावती वर्मा अभियान प्रमुख प्रीतेश दीक्षित महामंत्री अनुराग मिश्रा मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक सहमीडिया प्रभारी परेश लोहिया सत्यम शुक्ल मौजूद रहे।
BJP Uttar Pradesh Bharatiya Janata Party (BJP) Subhash Yaduvansh