तकनीक से तरक्की की तरफ तेजी बढ़ रहा है बिहार: मंत्री कृष्ण कुमार मंटू

तकनीक से तरक्की की तरफ तेजी बढ़ रहा है बिहार: मंत्री कृष्ण कुमार मंटू

सूचना प्रावैधिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा निवेश को आकर्षित करके ही बिहार को पूर्वी भारत का आईटी हब बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बिहार आईटी नीति-2024 में वे सभी प्रावधान किये गए हैं, जिससे कि निवेशकों को आकर्षित किया जा सके और बिहार को एक आईटी हब के रूप में विकसित किया जाए। सूचना एवं प्रावैधीकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू शनिवार को पाटलिपुत्र कॉलोनी में नवनिर्मित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ़ इंडिया (एसटीपीआई) इकाई का दौरा करके आईटी कम्पनियों को यहां मिल रही सुविधाओं का जायजा ले रहे थे। इस मौके पर आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम क्षेत्र के कुल आधा दर्जन स्टार्टअप्स ने अपने कार्यों और नवाचार आदि की प्रस्तुति भी की।

यह एसटीपीआई भवन कुल एक लाख वर्गफीट में फैला है और इसमें कुल 103 प्लग एंड प्ले की व्यवस्था है। भवन का निरीक्षण करने के बाद संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए आईटी मंत्री ने कहा कि बिहार तकनीक से तरक्की की तरफ तेजी बढ़ रहा है। बिहार सरकार की आईटी नीति-2024 के तहत पहले से ही निवेशकों को पूंजीगत निवेश और रोजगार सृजन को लेकर कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्नोने कहा कि इस नीति के तहत बिहार सरकार निवेशकों को पूंजी निवेश सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, नेट स्टेट जीएसटी प्रतिपूर्ति जैसे कई लाभ उपलब्ध करा रही है। पूंजी निवेश सब्सिडी के तहत कुल पूंजी निवेश का 30 प्रतिशत (अधिकतम 30 करोड़ रूपये तक) या ब्याज अनुदान सब्सिडी के तहत दस वार्षिक ब्याज अनुदान (परियोजना लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 करोड़ रूपये तक) पांच वर्षों के लिए दिया जा रहा है। जबकि 50 प्रतिशत सब्सिडी लीज रेंटल राशि पर पांच वर्षों के लिए देय है। 

मंत्री कृष्ण मंटू ने कहा कि विद्युत् बिल का 25 प्रतिशत वार्षिक प्रतिपूर्ति पांच वर्षों के लिए दिया जा रहा है। साथ ही रोजगार सृजन सब्सिडी के तहत ईएसआई और कर्मचारी भविष्य निधि के लिए नियोक्ता योगदान की 100 प्रतिशत राशि की प्रतिपूर्ति जो अधिकतम पांच हजार रूपये प्रतिमाह प्रति कर्मचारी है, पांच वर्षों के लिए दी जा रही है। इस मौके पर सूचना प्रावैधिकी वभाग के विशेष सचिव अरविन्द कुमार चौधरी, बेल्ट्रान के महानिदेशक (परियोजना) श्याम बिहारी सिंह, एसटीपीआई, पटना के अपर निदेशक राजीव कुमार और सी-डैक के निदेशक अभिनव दीक्षित मौजूद थे।


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