दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और फिल्म निर्माता करण जौहर को उनके व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के संबंध में राहत प्रदान की है। न्यायालय ने आदेश दिया कि उनके विरुद्ध बनाए गए विवादास्पद वीडियो, मीम्स और सोशल मीडिया पोस्ट हटाए जाएँ। आदेश में ऐसी सभी अपमानजनक सामग्री को तत्काल हटाने का निर्देश दिया गया है। लाइव लॉ के अनुसार, न्यायालय ने कहा, "प्रथम दृष्टया मूल्यांकन से यह स्पष्ट है कि प्रतिवादी संख्या 7, 14 और 15 के प्लेटफार्मों पर उपलब्ध वीडियो, मीम्स और सोशल मीडिया पोस्ट में अपमानजनक और अपवित्र शब्दों के साथ-साथ ऐसे संकेत भी हैं जो आपत्तिजनक प्रतीत होते हैं। उक्त सामग्री वादी की प्रतिष्ठा और साख को धूमिल करती है, जिससे उसकी ब्रांड वैल्यू प्रभावित होती है। वादी प्रथम दृष्टया ऐसे नकारात्मक उपयोग के विरुद्ध अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए निषेधाज्ञा प्राप्त करने का हकदार है।
फिल्म निर्माता की आपत्ति को देखते हुए, अदालत ने आगे कहा कि मुकदमे में जिन सोशल मीडिया अकाउंट्स का ज़िक्र किया गया है, उन्हें हटाया जाना चाहिए क्योंकि वे बिना अनुमति के जौहर के नाम का इस्तेमाल कर रहे थे। अदालत ने आगे कहा, वादी का यह तर्क कि उक्त अकाउंट्स जनता को यह विश्वास दिलाने के लिए गुमराह कर सकते हैं कि ये अकाउंट्स वादी के आधिकारिक और/या अधिकृत अकाउंट हैं, प्रथम दृष्टया विश्वसनीय है।